Posted by: , Updated: 18/11/19 01:09:48pm
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है। इस सत्र में सरकार का जोर नागरिकता संशोधन विधेयक समेत कई अहम बिल पास कराने पर होगा। दूसरी ओर विपक्ष आर्थिक सुस्ती, कृषि संकट और बेरोजगारी के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। यही नहीं विपक्ष राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन और महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा कराने की मांग भी कर सकता है।
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सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2019 का यह आखिरी सत्र बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। हम सभी मुद्दों पर विपक्ष के साथ सार्थक चर्चा चाहते हैं। संवाद हो, हर कोई अपने विवेक के जरिए सदन को सार्थक बनाने में मदद करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सकारात्मक भूमिका वाला पिछला सत्र महत्वपूर्ण सिद्धियों से भरा रहा था। हमें उम्मीद है कि इस सत्र से भी बेहद सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा कि 108 दिनों फारुख अब्दुल्ला जी को हिरासत में रखा गया है। ये क्या जुल्म हो रहा है। हम चाहते हैं कि उन्हें संसद में बुलाया जाए। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। विपक्ष के सांसदों ने लोकसभा में फारुख अब्दुल्ला को रिहा करो, विपक्ष पर हमला बंद करो, वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगाए।
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लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार सभी मसलों पर बहस के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह बात कह चुके हैं। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जेटली जी का जाना किसी पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश का नुकसान है। वह एक अच्छे छात्र, अच्छे संचालक और अच्छे नेता थे।
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इन मुद्दों से गर्म रहेगा सियासी माहौल
जम्मू-कश्मीर के हालात, आर्थिक सुस्ती, बेरोजगारी, कृषि संकट और नागरिकता संशोधन विधेयक कुछ ऐसे मसले हैं जो सत्र को गरम रखने का काम करेंगे। विपक्ष इन मसलों पर सरकार को घेर सकता है। नागरिकता संशोधन विधेयक, 1955 के नागरिकता अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन के लिए पेश किया जा रहा है। सरकार ऐसे प्रावधान चाहती है जिससे बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता मिल सके। विपक्षी दलों को इस पर एतराज है।
सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार
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सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष को भरोसा दे चुके हैं कि सरकार सदन के नियमों व प्रक्रियाओं के दायरे में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सूत्रों की मानें तो 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, ई-सिगरेट पर पाबंदी समेत 47 बिल एवं प्रस्ताव संसद में रखे जाने हैं। बता दें कि पिछला सत्र लोकसभा के इतिहास में सबसे सफल सत्र रहा था। इस दौरान 35 विधेयक पारित हुए थे और राज्यसभा से 32 विधेयकों को मंजूरी मिली थी।
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