Posted by: Firsteye Desk, Updated: 28/11/19 02:12:55pm
आलोक पुराणिक
पराली का बवाल कुछ थमा है। बवाल इस मुल्क में थम तब जाते हैं, जब कोई नया बवाल आ जाता है। पराली से प्रदूषण निकलता है। प्रदूषण से धंधा निकलता है। धंधे से इश्तिहार निकलते हैं। प्रॉब्लम से धंधे निकलते हैं। नेता इधर से उधर हो जायेंगे, ऐसी आशंका जब होती है तो रिजोर्ट का कारोबार बढ़ जाता है। कुछ समय बाद इस तरह के इश्तिहार भी देखने को आ सकते हैं, जिनमें यह बताया जाये कि विधायक फ्रेंडली रिजोर्ट। विधायक-योग्य हर एय्याशी का इंतजाम।
बाहर का कोई बंदा यहां घुस न सकता, टाइप इश्तिहार आ सकते हैं। जो समस्या धंधा न दे, उसे समस्या नहीं माना जाना चाहिए। वैसे इश्तिहारों को देखें, तो लगता है कि इस मुल्क में कोई समस्या नहीं बची है। हेमा मालिनी बताती हैं कि एक ब्रांड के बिस्कुट खाकर न सिर्फ भूख मिटायी जा सकती है, बल्कि हेल्दी भी रहा जा सकता है। हेमाजी बताती हैं कि एक आरओ सिस्टम से पानी एकदम साफ हो जाता है। पानी अगर गंदा है तो काहे परेशान होते हैं। उस आरओ सिस्टम को पकडिय़े और प्रॉब्लम सॉल्व।इश्तिहार वालों के पास हर समस्या का हल होता है, बल्कि और भी समझदार लोग तो औरों की समस्या से ही अपना हल खोज लेते हैं। मेरे एक परिचित हैं, एक बड़ी पार्टी के नेता हैं। शहर में पानी की समस्या हुई तो पानी की समस्या के सॉल्यूशन के लिए संघर्ष न किया कि पाइप लाइन ठीक करवा देते, या साफ पानी के लिए धरना-प्रदर्शन करते। उन्होंने वाटर टैंकर का कारोबार खोल लिया। इतने पैसे कमाये कि एक बड़ी पॉलिटिकल पार्टी का टिकट खरीदकर विधायक हो गये। अब उनका संघर्ष इस बात के लिए है कि कहीं पानी की समस्या साल्व न हो जाये, सॉल्व हो गयी तो उनके टैंकर और वो खुद एक तरह से बेरोजगार हो जायेंगे। अब हो सकता है कि कितना गुणकारी है वह पानी। पानी की प्रॉब्लम सॉल्व।
डिजिटल इंडिया के तहत यह भी हो सकता है कि पानी का मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करने की व्यवस्था हो सकती है। पानी का मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कीजिये और पानी की आवाज सुनिये। आवाज सुनकर भी एक हद तक पानी का फील आ जाता है। हां, अगर पीने का साफ पानी चाहिए, तो फिर हेमाजी का आरओ सिस्टम वाला रास्ता फॉलो करना पड़ेगा। सूखे में लोग परेशान हो रहे हैं कि हाय गेहूं महंगा मिलेगा, आटा महंगा मिलेगा। आटे वाले-गेहूं बेचने वाले परेशान न हैं, बल्कि उन्हें मुनाफे बढ़े हुए दिख रहे हैं। कोई अभिनेत्री बता सकती है कि फलां आटा खाने से मेरे चेहरे पर इतनी तेज चमक आ जाती है। प्याज का रोना जो रो रहे हैं, उनके लिए प्याज का मोबाइल एप्लीकेशन लांच हो सकता है। एप्लीकेशन ही एप्लीकेशन, मिल तो लें। पराली जनित प्रदूषण को निपटाने का एप्लीकेशन भी आ सकता है। एप्लीकेशन आ जाये, तो प्रॉब्लम खत्म हुई मान सकते हैं।
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