समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर फिर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”चुनाव का आना और सांप्रदायिक माहौल का बिगड़ जाना, ये इत्तफ़ाक़ नहीं है. जनता सब समझ रही है. हार के डर से हिंसा का सहारा लेना किसकी पुरानी रणनीति है, सब जानते हैं. ये उप चुनाव की दस्तक है.”
”दिखावटी क़ानून-व्यवस्था की जगह अगर सरकार सच में पुख़्ता इंतज़ाम करे तो सब सही हो जाएगा लेकिन ऐसा होगा तब ही जब ये सरकार चाहेगी.”
इससे पहले अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ”सबसे पहले तो मेरी अपील है कि जो-जो पक्ष इसमें शामिल हैं, सभी लोग क़ानून व्यवस्था बनाए रखें.”अखिलेश यादव ने कहा था, ”सरकार को न्याय करना चाहिए. एक चौकी इंचार्ज या किसी छोटे अधिकारी को हटाने से क़ानून व्यवस्था नहीं सभलेगी.”
उन्होंंने कहा था, ”शासन की चूक की वजह से इतनी बड़ी घटना हुई है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लोग मनमानी कर रहे हैं. लखीमपुर में सबने देखा कि विधायक को झापड़ मारा गया. बहराइच या और जगह पर भी जो घटनाएं हो रही हैं, उसकी ज़िम्मेदारी शासन और प्रशासन की है. इनकी वोट की राजनीति है, जिसकी वजह से ये जानबूझ कर करा रहे हैं.”
उत्तर प्रदेश के बहराइच में रविवार को मूर्ति विसर्जन के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.इसके एक दिन बाद सोमवार को फिर से हिंसा हुई.दुर्गा मूर्ति के विसर्जन को लेकर रविवार को हुए विवाद में गोली चलने से एक युवक की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई थी.समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस मामले में 30 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.एसपी वृंदा शुक्ला ने कहा, ”25 से 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है. सभी उपद्रवियों की पहचान की जाएगी और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”