उत्तर प्रदेश में महिलाओं के द्वारा चलाई जा रही शक्ति रसोई को अब और विस्तार देने की तैयारी है. शक्ति रसोई अब प्रदेश के 15 जिलों में चलाई जाती है. जो 25 जगहों पर सफलता पूर्वक संचालित की जा रही है. इस योजना की शुरुआत एक साल पहले हुई थी और पहले ही साल में इसने शानदार प्रदर्शन किया है. पहले साल में शक्ति रसोई के संचालन से दो करोड़ रुपये की बिक्री हुई. जिसके बाद इसकी सफलता को देखते हुए अब दूसरे चरण में इस योजना को 25 और राज्यों में शुरू करने की तैयारी की जा रही है. इस रसोई की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में होगी.
सचिव नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन क्रियान्वयन विभाग एवं निदेशक सूडा डॉ अनिल कुमार ने अधिकारियों को दूसरे चरण में 25 नए जनपदों में शक्ति रसोई का संचालन शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इनके संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपी जाएगी. सूडा भवन में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए जानकारी देते हुए डॉ अनिल कुमार ने कहा कि शक्ति रसोई की सफलता को देखते हुए इसका अन्य जिलो में भी विस्तार किया जाएगा. पिछले साल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ, झांसी, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, आगरा, देवरिया, आजमगढ़, सोनभद्र, कानपुर नगर, मुरादाबाद, मऊ, हरदोई और कन्नौज में 25 स्थानों पर शक्ति रसोई का संचालन किया गया था. पहले ही साल में इनमें 2 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है. जिसके बाद विभाग इस योजना की सफलता से काफी उत्साहित नजर आ रहा है.
डॉ अनिल कुमार ने कहा कि शक्ति रसोई का संचालन महिलाओं के द्वारा किया जाता है जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं. इन महिलाओं के इसके लिए पहले प्रशिक्षण दिया जाता है. अब इस योजना को 25 और राज्यों में विस्तार करने की प्लान है. इसके तहत अलीगढ़, गौतम बुद्ध नगर, गोंडा, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, मथुरा, सुल्तानपुर, रायबरेली, बरेली, जौनपुर, उन्नाव, कानपुर देहात, सीतापुर, बांदा, बलिया, एटा, सहारनपुर, गाजियाबाद, शामली, पीलीभीत, कौशांबी, शाहजहांपुर, संभल और महोबा में भी शक्ति रसोई शुरू होगी.
शक्ति रसोई से जुड़ने वाली महिलाओं का बैंक खाता खुलवाया जाएगा. उन्हें इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और इन्हें क्यू आर कोड भी उपलब्ध करवाया जाएगा. ये सभी पेट पूजा एप के ज़रिए जुड़ी होंगी.