सपा से गठबंधन टूटने के बाद अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह इंडिया गठबंधन की जिम्मेदारी है कि वो प्रमाणित करे कि हम उनका हिस्सा हैं या नहीं.
पल्लवी पटेल ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब कांग्रेस पार्टी को तय करना है कि उनको पिछड़ा-दलित के नेताओं की जरूरत है या नहीं. मैं कहीं से भी सपा की विधायक नहीं हूं, अपना दल गठबंधन की विधायक हूं. मेरी सदस्यता छीन लेने के सारे अधिकार समाजवादी पार्टी के पास हैं. इंडिया गठबंधन घटक दलों के साथ क्या करता है, यह उनकी जिम्मेदारी है.
दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से कहा था कि अपना दल से वर्ष 2022 में गठबंधन था, 2024 में गठबंधन नहीं है. इसके जवाब में पल्लवी पटेल ने कहा कि हमारी पार्टी फूलपुर, कौशांबी और मिर्जापुर से चुनाव लड़ेगी. अखिलेश यादव ने जो कहा, उसका अपना दल उसका स्वागत करता है. हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं.
अखिलेश यादव को पूरा अधिकार- पल्लवी पटेल
उन्होंने कहा कि मैं सपा से विधायक नहीं हूं. अपना दल गठबंधन की विधायक हूं. अखिलेश यादव को पूरा अधिकार है, वह मुझसे इस्तीफा मांग लें. पल्लवी ने सिंबल पर चली खींचतान को लेकर कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू में हमने सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा था. हमारी पार्टी का खुद का सिंबल है, हम लोकसभा चुनाव अपने सिंबल पर लड़ेंगे. हम जिन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे.
वह सीटें कांग्रेस को बता दी गई है. विपक्षी इंडिया गठबंधन हमारे साथ वही कर रहा है, जो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ किया था. हमने तीन सीट गठबंधन के सहयोगियों से चर्चा के बाद घोषित की थी. सपा और अपना दल के रिश्तों में खटास की शुरुआत राज्यसभा चुनाव से हुई थी. अपना दल कमेरावादी की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने राज्यसभा उम्मीदवारों में सपा की ओर से जया बच्चन और आलोक रंजन के चयन पर नाराजगी जताई थी.
दूसरी तरफ सपा से लोकसभा सीटों पर बात नहीं बनने पर अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने बुधवार को मिर्जापुर सहित तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इसके कुछ देर बाद ही सपा ने मिर्जापुर सीट पर अपना प्रत्याशी उतार दिया.