लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद निर्वाचन क्षेत्र पर प्रत्याशी फाइनल करने के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की आंतरिक कलह बाहर आ गई है. दावा है कि अखिलेश यादव नहीं चाहते थे की रुचिवीरा कैंडिडेट बनें. सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसटी हसन के लिए पत्र जारी किया था
अखिलेश ने एसटी हसन को दोबारा से मुरादाबाद से बनाया प्रत्याशी था. रुचि वीरा का नॉमिनेशन करने के बाद पत्र जारीकिया गया था. रुचि वीरा का सिम्बल कैंसिल करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था.
अखिलेश नहीं चाहते थे रुचि वीरा हों कैंडिडेट
अखिलेश यादव नहीं चाहते थे की रुचिवीरा कैंडिडेट बने. सके लिए उन्होंने रुचिवीरा को फ़ोन करके नॉमिनेशन वाले दिन एसटी हसन को सपोर्ट करने के लिए भी कहा था लेकिन रुचिवीरा ने उनकी बात नहीं मानी. जिसके बाद अखिलेश यादव ने पत्र लिखा और ये पत्र लखनऊ से मुरादाबाद चुनाव ऑफिसर के पास भेजा गया लेकिन समय से पत्र ना पहुंच पाने के कारण लेटर रिसीव नहीं किया गया. ऐसे में रुचिवीरा ही कैंडिडेट बनी रही
अखिलेश यादव आजम ख़ान के कहने पर रुचिवीरा को पहले टिकट तो दिया लेकिन आजम खान की मनमानी पर नाराज़ हो गये. इस वजह से बाद में अखिलेश अपनी बात पर अड़े रहे और रुचिवीरा को टिकट कैंसिल करने के लिए पत्र लिखा.
27 मार्च को पत्र जारी किया गया था. इसी दिन रुचिवीरा ने नॉमिनेशन किया था और ये नॉमिनेशन का आखिरी दिन था. एसटी हसन को 24 मार्च को चुनाव लड़ने के लिए लेटर दिया था बाद में 26 मार्च को रुचि वीरा के लिए चिट्ठी लिखी गई थी.