वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा यूको बैंक समेत पांच और नेशनलाइज बैंकों में चीफ जनरल मैनेजर (सीजीएम) का पद सृजित करने को मंजूरी दे दी है. यह पद निदेश मंडल स्तर से नीचे होगा. इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक भी अपने महाप्रबंधकों को चीफ जनरल मैनेजर (सीजीएम) के पद पदोन्नत कर सकेंगे. इससे पहले, सीजीएम पद 11 नेशनलाइज बैंकों में छह में थे.
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह पद सृजित करते हुए वित्त मंत्री ने उन बैंकों में सीजीएम की मौजूदा संख्या में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है, जिनमें पहले से इस स्तर के पद हैं. इस कदम से बैंकों की प्रशासनिक संरचना और दक्षता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी. सीजीएम पद नेशनलाइज बैंकों में महाप्रबंधक (जीएम) और कार्यकारी निदेशक (बोर्ड स्तर के पद) के बीच एक प्रशासनिक और कार्यात्मक स्तर के रूप में काम करता है.
बयान के मुताबिक, सीजीएम पदों की संख्या में बढ़ोतरी से डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा, वित्तीय प्रौद्योगिकी, जोखिम, अनुपालन, गांवों में बैंक, वित्तीय समावेशन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर बेहतर तरीके से ध्यान दिया जा सकेगा. साथ ही खुदरा कर्ज, कृषि ऋण जैसे क्षेत्रों की बेहतर निगरानी को लेकर बैंकों की क्षमता बढ़ेगी.
इसमें कहा गया है कि सीजीएम की संख्या में बढ़ोतरी से बैंकों को बेहतर नियंत्रण और निगरानी करने में मदद मिलेगी. इसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति प्रबंधन और परिचालन दक्षता में सुधार होगा. इसमें कहा गया है कि 31 मार्च, 2023 तक बैंकों के कारोबार के आधार पर सीजीएम की संख्या संशोधित की गयी है. इसके तहत प्रत्येक चार महाप्रबंधक के लिए एक सीजीएम होगा.
पोस्ट की बढ़ोतरी से न केवल सीजीएम के पद पर पदोन्नत होने वाले जीएम को फायदा होगा, बल्कि जीएम स्तर के पदों से नीचे के अधिकारियों, यानी उप महाप्रबंधक (डीजीएम) और सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) को भी लाभ होगा. इसमें कहा गया है कि एक सीजीएम स्तर का पद, चार जीएम पद, 12 डीजीएम पद और 36 एजीएम पद की बढ़ोतरी होगी. इसमें कहा गया है कि संशोधन के साथ, सभी 11 नेशनलाइज बैंकों में सीजीएम पदों की संख्या 80 से बढ़कर 144 हो गई है.