छत्तीसगढ़ के माओवाद से प्रभावित नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में आठ संदिग्ध माओवादियों को मारने का दावा किया है.
पुलिस का कहना है कि सर्च ऑपरेशन अभी जारी है और मारे जाने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बीबीसी से कहा- “बुधवार की रात नारायणपुर के रेकावाया इलाके में माओवादियों की उपस्थिति की ख़बर के बाद तीन ज़िलों- नारायणपुर,बीजापुर और दंतेवाड़ा से बस्तर फाइटर,एसटीएफ और डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड के जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया. गुरुवार सुबह 11बजे के आसपास मुठभेड़ शुरू हुई.”
पुलिस का दावा है कि गुरुवार को पूरे दिन मुठभेड़ चलती रही और दोनों तरफ़ से रुक-रुक कर फायरिंग होती रही. इस दौरान पुलिस ने मौके से सात संदिग्ध माओवादियों के शव और ऑटोमैटिक राइफ़ल बरामद की.
इस ऑपरेशन में शामिल लगभग एक हज़ार जवानों ने चारों तरफ़ से इलाके की घेराबंदी की हुई थी.
शुक्रवार की सुबह सुरक्षाबलों ने एक और संदिग्ध माओवादी का शव बरामद करने की बात कही. इस तरह मारे जाने वालों की संख्या बढ़ कर आठ हो गई.
पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ वाले इलाके से जवानों की वापसी अभी नहीं हो पाई है. उनकी वापसी के बाद ही पूरी तस्वीर साफ़ हो पाएगी.
इधर राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि यह हमारे जवानों की बड़ी कामयाबी है.
मुख्यमंत्री ने कहा- “मैं जवानों के साहस को सलाम करता हूं. नक्सलवाद का ख़ात्मा हमारा लक्ष्य है.”
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीने से संदिग्ध माओवादियों के ख़िलाफ़ लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.
पिछले महीने 2 अप्रैल को गंगालूर के इलाके में पुलिस ने 13 माओवादियों को मारने का दावा किया.
इसी तरह 16 अप्रैल को कांकेर के कलपर में 29 माओवादियों को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मारने की बात कही.
नक्सल इतिहास में छत्तीसगढ़ में किसी एक मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में कभी भी इतने माओवादी नहीं मारे गए थे.
पुलिस ने इससे पहले 30 अप्रैल को टेकामेटा में10 माओवादी और इस महीने 10 मई को पीड़िया में 12 माओवादियों को मारने का दावा किया था.