बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर दिए एक बयान से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर आ गए हैं. हालांकि, अब उन्होंने अपने बयान पर सफ़ाई भी दे दी है.
दरअसल, विजय कुमार सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौक़े पर एक कार्यक्रम में कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि तब ही होगी जब बीजेपी बिहार में अपनी सरकार बनाएगी.
बिहार में इस वक्त बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (आर) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के गठबंधन की सरकार है और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं.विजय कुमार सिन्हा के इस बयान पर आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी प्रतिक्रिया दी है.
उनका कहना है, “वो श्रद्धांजलि नहीं समझते हैं, मैं क्या कहूं. अपना मुख्यमंत्री? अधिकारी तो आप ही के मुख्यमंत्री की तरह काम कर रहे हैं, उन्हें पूरा कंट्रोल में लिए हुए हैं. लेकिन जनता तय करती है और जनता आपको भी जानती है, इसलिए इंतज़ार कीजिए.”
हालांकि, निशाने पर आने के बाद अब विजय कुमार सिन्हा ने एक और बयान दिया है.विजय कुमार सिन्हा ने कहा है, “अटल जी के सबसे बड़े चहेते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी थे और उनको यहां सुशासन स्थापित करने के लिए भेजा गया. जंगलराज से मुक्ति दिलाने में साल 2005 से 2010 के बीच अहम भूमिका निभाई गई.”
“बीच-बीच में जंगलराज फैलाने वाले लोग अराजकता फैलाने का खेल खेलते रहे… बिहार में अब दोबारा जंगलराज वाले को अवसर नहीं मिलेगा. माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में यहां आगे भी एनडीए की सरकार रहेगी.”बिहार में अगले विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम वक़्त बचा है. ऐसे में विजय कुमार सिन्हा के बयान पर कई तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं.