हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता दल के नेता दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा सरकार के संकट पर प्रतिक्रिया दी है.
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “चलो मुख्यमंत्री आज ये तो मान चुके कि वो कमज़ोर हो चुके और ये कमज़ोरी मानने वाला मुख्यमंत्री मुझे लगता है कि नैतिक आधार पर प्रदेश का नेतृत्व करने लायक नहीं है.”
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी.इन तीन विधायकों में दादरी से सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और पूंडरी से रणधीर गोलन शामिल थे.विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है.फ़िलहाल सरकार का नेतृत्व नायब सिंह सैनी कर रहे हैं, जिन्हें हाल ही में मनोहर लाल की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था.
मुश्किल में बीजेपी सरकार?
हरियाणा विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 90 है जिसमें दो सीटें अभी ख़ाली हैं.विधानसभा में बीजेपी के पास 40, कांग्रेस के पास 30, जननायक जनता पार्टी के पास 10, निर्दलीय 6, इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी(एचएलपी) के पास 1-1 एक विधायक हैं.मौजूदा विधानसभा की 88 सीटों के आधार पर बीजेपी को 45 विधायकों का समर्थन चाहिए.
हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या- 90
मौजूदा विधानसभा- 88 (दो सीटें रिक्त)
बीजेपी- 40
कांग्रेस- 30
जेजेपी- 10
हरियाणा लोकहित पार्टी- 1
इंडियन नेशनल लोक दल- 1
निर्दलीय- 6