वक़्फ़ बिल पर जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी) की रिपोर्ट सदन में पेश होने के बाद, मुस्लिम महिला नेता इक़रा हसन ने इसका विरोध किया और इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि इस बिल का उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाना है, जो कि मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और वक़्फ़ बोर्ड की स्वायत्तता के खिलाफ है।
इक़रा हसन ने यह भी कहा कि इस बिल से वक़्फ़ संपत्तियों के सही उपयोग और उनकी देखरेख के अधिकार को कमजोर किया जाएगा, और यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आस्थाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। उनका कहना था कि वक़्फ़ बिल में किए गए संशोधन मुस्लिम समाज के अधिकारों पर हमला हैं, और इस पर चर्चा करने की जरूरत है ताकि इसे सही तरीके से समझा जा सके।
इन्हें इस बिल में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है, और उन्होंने इस पर व्यापक बहस की अपील की, ताकि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों की रक्षा की जा सके।