केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए नई चेतावनी जारी की है. सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को सरकार ने विदेशी जुआ-सट्टा प्लेटफॉर्म का प्रचार करने से बचने के लिए कहा है. अगर इसके बाद भी इंफ्लुएंसर्स नहीं मानते हैं तो उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
सरोगेट एडवर्टिजमेंट पर भी लागू
केंद्र सरकार ने इस संबंध में गुरुवार को एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी में सोशल मीडिया के इंफ्लुएंसर्स और एंडोर्सर्स को कहा गया है कि वे विदेशी ऑनलाइन बेटिंग व गैम्बलिंग ऐप के विज्ञापनों से दूर रहें. यह एडवाइजरी सरोगेट एडवर्टिजमेंट के लिए भी लागू है. सरोगेट एडवर्टिजमेंट वैसे विज्ञापनों को कहा जाता है, जिसमें असल प्रोडक्ट या सर्विस के बजाय किसी सांकेतिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए तंबाकू के विज्ञापनों में पान मसाले का इस्तेमाल.
इस कारण दी गई है हिदायत
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि ये ऐड उपभोक्ताओं खासकर युवाओं को गलत तरीके से प्रभावित करते हैं. ऑनलाइन बेटिंग व गैम्बलिंग के विज्ञापनों के चलते फाइनेंशियल व सोशियो-इकोनॉमिक असर होते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को कहा गया है कि वे इनके विज्ञापनों से दूरी बनाएं.
बात नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि अगर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स बातों को मानने में असफल रहते हैं तो उनके ऊपर कंज्युमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. कार्रवाई में सोशल मीडिया पोस्ट व अकाउंट को रिमूव करना और डिसेबल करना शामिल है.
सोशल मीडिया से इंफ्लुएंसर्स इकोनॉमी
सोशल मीडिया के उभार ने भारत समेत दुनिया भर में इंफ्लुएंसर्स की कैटेगरी तैयार की है. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर बड़ी संख्या में फॉलोअर व सब्सक्राइबर रखने वालों को सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स कहा जाता है. कई कंपनियां ऐसे इंफ्लुएंसर्स का सहारा लेकर सीधे ग्राहकों तक पहुंचने के लिए खास विज्ञापन तैयार करती हैं. इस तरह से इंफ्लुएंसर्स इकोनॉमी का विकास हुआ है.