Homeउत्तर प्रदेशरणदीप सुरजेवाला को हेमा मालिनी पर टिप्पणी के बाद HSCW का नोटिस

रणदीप सुरजेवाला को हेमा मालिनी पर टिप्पणी के बाद HSCW का नोटिस

यूपी के मथुरा से लोकसभा प्रत्याशी और एक्ट्रेस हेमा मालिनी (Hema Malini) को लेकर की गई टिप्पणी मामले में हरियाणा की राज्य महिला आयोग ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) से जवाब मांगा है. आयोग ने उनसे कहा है कि वह 9 अप्रैल को पंचकुला स्थित दफ्तर आकर मामले में स्पष्टीकरण दें. सुरजेवाला के बयान को लेकर बीजेपी उनपर हमलावर है. वहीं, सुरजेवाला का आरोप है कि बीजेपी के आईटी सेल ने उनके वीडियो को कांट-छांटकर दिखाया है.

राज्य महिला आयोग ने सुरेजवाला के नाम नोटिस जारी करते हुए लिखा, ”आपको सूचित किया जाता है कि हरियाणा राज्य महिला आयोग राज्य स्तर की वैधानिक सरकारी संस्था है जिसका गठन हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियन 2012 के तहत किया गया है. ताकि राज्य की महिलाओं की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा की जा सके. आयोग आपने जनादेश के अनुसार अन्य बातों के साथ महिलाओं के लिए मौजूदा कानूनी सुरक्षा को लागू करना, उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना और सरकार को महिलाओं से संबंधित नीतिगत मामलों पर पर सलाह देता है.”

महिला की गरिमा को पहुंची ठेस- महिला आयोग
आयोग ने आगे लिखा, ”अध्यक्ष हरियाणा राज्य महिला आयोग के आदेशानुसार आपको सूचित किया जाता है कि विभिन्न न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर प्रकाशित विषयहीन खबर पर आयोग ने हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियन 2012 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत स्व संज्ञान लिया है जिसमें आपने हेमा मालिनी (कलाकार) के लिए अभद्र भाषा और टिप्पणी का प्रयोग किया है जो कि एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और अशोभनीय है. आपसे यह अनुरोध किया जाता है कि आप 9 अप्रैल को सुबह 10.30  बजे के आयोग के कार्यालय में पहुंचकर मामले में स्पष्टीकरण दें.”

सुरजेवाला ने सफाई में कही यह बात
हेमा मालिनी की भी इस मामले में प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा कि वह क्या कहते हैं इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता. विपक्ष का काम ही बयानबाजी करना है. वहीं, बीजेपी के हमले का जवाब देते हुए सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने लिखा, ”भाजपा की IT Cell को काट-छांट, तोड़-मरोड़, फ़र्ज़ी-झूठी बातें फ़ैलाने की आदत बन गई है, ताकि वो हर रोज़ मोदी सरकार की युवा विरोधी, किसान विरोधी, गरीब विरोधी नीतियों-विफलताओं व भारत के संविधान को ख़त्म करने की साज़िश से देश का ध्यान भटका सके.”

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