कान में मैल जमना एक आम समस्या है, जो अक्सर लोगों में देखी जाती है. इसे इंग्लिश में इयरवैक्स कहते हैं. कान का मैल प्राकृतिक रूप से बनता है. कान का मेल एक चिपचिपा पदार्थ है जो कान की नली में बनता है. ये त्वचा से निकलने वाले तेल और डेड स्किन कोशिकाओं का मिश्रण होता है. यह धूल, मिट्टी और बाहरी कण को फंसा लेता है, जिससे हमारे कान के नाजुक पर्दे को नुकसान ना हो. कान की नली में छोटी ग्रंथियां होती है जिसे सिरुमिनस कहा जाता है. यह ग्रंथियां तेल बनती है, जो कान की नली को चिकनाई देने के साथ उसकी सुरक्षा करती है.
कान के मैल के फायदे
एक तरीके से यह मैल हमारे कानों के लिए काफी अच्छा साबित होता है. यह हमारे कानों के लिए कई महत्वपूर्ण काम करता है. कान का मैल नाली को कीटाणुओं और बैक्टीरिया से बचाता है. मैल होने की वजह से यह धूल, मिट्टी और बाहरी कोण को फंसा लेता है, जिससे हमारे कान के पर्दों को नुकसान नहीं पहुंचता. एक तरीके से देखा जाए तो यह मैल कान की नली को छोटे-मोटे जख्मो से बचाता है.
ऐसे होती है समस्या
आमतौर पर कान का मैल कानों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन कई बार मैल बहुत अधिक मात्रा में बन जाने से यह कान की नली को बंद कर देता है, जिससे सुनने की परेशानी पैदा होती है. कान में मेल हमने के कई लक्षण है जैसे कान भरा हुआ महसूस होना, कानों में दर्द या खुजली होना या फिर कान से बदबू आना शामिल है. अगर आपको लगता है कि आपके कान में बहुत अधिक मैल जमा है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेकर कान साफ करवाने चाहिए.