उत्तर प्रदेश की नगीना सीट इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है. आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इस सीट से पहले ही चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था और अब बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर ऐसी चाल चली है सब हैरान रह गए हैं. मायावती ने यहां से मौजूदा सांसद गिरीश जाटव को बुलंदशहर का टिकट दे दिया है, जिसके बाद कयास लग रहे हैं कि मायावती यहां किसी और मजबूत चेहरे को उतारने की तैयारी कर रही है.
नगीना सीट से 2019 में सपा-बसपा गठबंधन की ओर से गिरीश जाटव चुनाव जीते थे, लेकिन अब मायावती ने एंटी इनकंबेंसी की डर से इस सीट पर अपने प्रत्याशी का बदलने का फैसला लिया है. गिरीश जाटव को बसपा ने बुलंदशहर से प्रत्याशी बना दिया है.
नगीना सीट पर दिलचस्प होगी लड़ाई
बसपा जल्द ही नगीना सीट पर किसी मजबूत प्रत्याशी को उतार सकती है. इधर सपा से बातचीत टूटने के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. जबकि सपा की ओर से मनोज कुमार और बीजेपी ने नटहौर से विधायक ओम कुमार को टिकट दिया है.
नगीना सीट इन दिनों सपा और चंद्रशेखर के बीच खींचतान को लेकर सुर्खियों में हैं. चंद्रशेखर आज़ाद ने पहले इस सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था. उनकी समाजवादी पार्टी से बातचीत भी चल रही थी. माना जा रहा था कि सपा उन्हें इंडिया गठबंधन में शामिल कर नगीना सीट से चुनाव लड़ा सकती हैं लेकिन, आखिर वक्त में वार्ता टूट गई.
सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव चाहते थे कि चंद्रशेखर सपा से सिंबल पर चुनाव लड़ें लेकिन वो अपनी ही पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते थे. जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद भड़क गए. उन्होंने अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. यही नहीं वो पश्चिमी यूपी की उन सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे जहां उनकी पार्टी बेहतर स्थिति में हैं. ऐसे में सपा की मुश्किलें बढ़ना तय हैं.