लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को झटके पर झटके लग रहे हैं. प्रदेश में इंडिया गठबंधन में टूट का सिलसिला जारी है. हाल ही अपना दल कमेरावादी सपा से अलग हो चुकी है और अब जनवादी पार्टी ने भी सपा से अलग होने का एलान कर दिया है. जनवादी पार्टी के मुखिया संजय चौहान ने सपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ दिया है.
पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी के बाद जनवादी पार्टी भी सपा से अलग हो गई है. पार्टी अध्यक्ष संजय चौहान ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सपा ने उन्हें घोसी सीट पर टिकट देने का वादा किया था, लेकिन इस सीट राष्ट्रीय सचिव राजीव राय को उतार दिया है.
सपा से अलग हुआ एक और दल
सपा के इस फैसले के बाद संजय चौहान ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसके बाद उन्होंने 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है. संजय चौहान ने कहा कि वो अब खुद घोसी सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसके साथ ही आठ सीटों पर उन्होंने अपने प्रत्याशी भी उतार दिए हैं. तीन सीटों पर जल्द ही अन्य उम्मीदवारों का भी एलान किया जाएगा.
जनवादी पार्टी ने अब तक आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, वाराणसी,मछली शहर, कुशीनगर, गोरखपुर, अमेठी, देवरिया से चुनाव लड़ने का एलान किया है. इनमें से कई सीटों पर प्रत्याशी भी उतार दिए हैं. सपा के साथ जनवादी पार्टी एक अकेला ऐसा दल बचा था, जो 2022 के चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में था, अब ये दल भी सपा से अलग हो गया है.
जनवादी पार्टी से पहले ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल, महान दल और पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी भी सपा से अलग हो चुके हैं, वहीं आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद से भी बातचीत फाइनल होते-होते रहे गई है. अब यूपी में सपा और कांग्रेस का ही गठबंधन बचा है.