दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है. सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने उनके 6 फ्लैग स्टाफ बंगले की जांच के आदेश दिए हैं. उनके बंगले ‘शीशमहल’ की विस्तृत जांच होगी. अरविंद केजरीवाल ने यहीं पर अपने लिए सरकारी घर बनवाया था. सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी से इन आरोपों की विस्तृत जांच करने को कहा है. केजरीवाल का ‘शीशमहल’ 8 एकड़ में फैला है.
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि 40,000 वर्ग गज में बनी भव्य हवेली के निर्माण में कई नियमों को तोड़ा गया है.इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) या इसके संयोजक केजरीवाल ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल इसमें 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे.
CVC ने दो पूर्व शिकायतों का संज्ञान लिया और लोक निर्माण विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी, जिसके आधार पर अब विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है. रोहिणी से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सीवीसी को दी गई अपनी पहली शिकायत में आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (आठ एकड़) भूमि पर एक भव्य महल का निर्माण करने के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया. बीजेपी नेता ने अपनी दूसरी शिकायत में 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की मरम्मत और आंतरिक साज-सज्जा पर जरूरत से अधिक खर्च किए जाने का आरोप लगाया.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने आरोप लगाया था कि बंगले के रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं. बीजेपी ने बंगले को केजरीवाल का ‘शीशमहल’ नाम दिया है. पिछले साल 9 दिसंबर को बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें दिल्ली के सीएम हाउस का आलीशान इंटीरियर दिखाया गया था.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से शिकायत की थी कि केजरीवाल का बंगला 4 सरकारी संपत्तियों को गलत तरीके से मिलाकर बनाया गया है. इस प्रोसेस को रद्द कर दिया जाना चाहिए. शपथ के बाद बीजेपी का सीएम इस बंगले में नहीं रहेगा.