राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट शेयरिंग से नाराज लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष पशुपति पारस ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मंगलवार (19 मार्च) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफा देने का ऐलान किया. पारस ने कहा कि हमारे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई है.
पशुपति पारस ने कहा, ”मैंने लगन और वफादारी से एनडीए की सेवा की, लेकिन मेरे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई. आज भी मैं पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं.” RJD से बातचीत पर पारस ने कहा, ”जितना बोलना था, उतना बोल दिया है. भविष्य की राजनीति हम अपनी पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से बैठकर तय करेंगे.”
पारस ने पीएम मोदी को भेजी चिट्ठी
पशुपति पारस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, ”महोदय, आपको अवगत कराना है कि कुछ अपरिहार्य कारणों से मैं मंत्रिपरिषद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं. इस दौरान मंत्री परिषद के सदस्य के नाते मुझ पर अपना विश्वास जताने के लिए आपका धन्यवाद.”
बिहार में एनडीए ने सोमवार (18 मार्च) को सीट शेयरिंग का ऐलान किया था. इसमें पारस के भतीजे चिराग पासवान को तरजीह दी गई. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पांच सीटें देने का ऐलान किया गया. सीट बंटवारे के तहत बीजेपी 17, जेडीयू 16, हम एक और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एक सीट पर लड़ेगी.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में फूट पड़ गई थी. एलजेपी के छह में से पांच सांसद पारस गुट के साथ चले गई. यही नहीं पशुपति पारस मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाए गए.
इसके बाद भी चिराग पासवान सक्रिए रहे और अब एनडीए में समीकरण बदल चुके हैं. इसी बात से नाराज होकर पारस ने इस्तीफा दे दिया है. पशुपति पारस एनडीए में हाजीपुर सीट बरकरार रखना चाहते थे. वहीं चिराग पासवान हाजीपुर सीट छोड़ने के मूड में नहीं दिखे. बीच का रास्ता निकालने के लिए बातचीत भी हुई, हालांकि कोई रिजल्ट नहीं निकल सका.