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अमेरिका में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कही से बात

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर टिप्पणी की.

इसके अलावा उन्होंने व्यापार, आरएसएस, मीडिया और संविधान जैसे मुद्दों पर भी बात की.राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव से पहले हमें इस बात की चिंता थी कि संस्थानों पर कब्ज़ा कर लिया गया है… हमारे लिए यह फ़ेयर गेम नहीं था. शिक्षा व्यवस्था पर आरएसएस ने कब्ज़ा कर लिया है. मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्ज़ा है. हम यह लोगों को बता रहे थे लेकिन वे इस बात को नहीं समझ पा रहे थे…”

“इसके बाद मैंने संविधान को अपने साथ रखना शुरू कर दिया और लोगों को सब समझ में आने लगा… भारत के ग़रीब और पीड़ित लोगों को समझ में आ गया कि अगर संविधान गया तो सबकुछ चला जाएगा. ग़रीब लोगों को यह समझ में आ गया कि ये लड़ाई संविधान को बचाने वालों और इसे ख़त्म करने वालों के बीच है.”

राहुल गांधी ने कहा, “जातिगत जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हुआ. ये सब चीज़ें अचानक से साथ हो गईं.”

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि एक निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 सीट तक भी जीत सकती थी. उनके पास वित्तीय सहायता थी, उन्होंने हमारे बैंक अकाउंट लॉक कर दिए. चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वो चाहते थे.”

“पूरा चुनाव अभियान इस तरह से तैयार किया गया कि नरेंद्र मोदी पूरे देश में अपना काम कर सकें. जिन राज्यों में वे कमज़ोर थे उन्हें अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया, जहां वे मजबूत थे वहां अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया. मैं इसे स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता. मैं इसे नियंत्रित चुनाव मानता हूं.”

राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव प्रचार के अभियान के आधे समय तक मोदी को नहीं लगा था कि वे 300-400 सीटों के करीब पहुंच गए हैं. जब उन्होंने कहा कि मैं सीधा भगवान से बात करता हूं, तब हमें पता चल गया था कि हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है. हमने इसे मनोवैज्ञानिक पतन के रूप में देखा. नरेंद्र मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन टूट गया है.”

उन्होंने कहा, “सरकार और दो या तीन बड़े बिजनेस के बीच बड़ी सांठगांठ है. ओबीसी और दलितों को धोखा दिया जा रहा है.”

राहुल के बयान पर विवाद

इससे पहले डलास में भी राहुल गांधी ने आरएसएस पर टिप्पणी की थी, जिसको लेकर भाजपा ने पटलवार किया.डलास में राहुल गांधी ने कहा था, “आरएसएस मानता है कि भारत ‘एक विचार’ है जबकि हम मानते हैं कि भारत ‘कई विचारों’ से बना है. हम अमेरिका की तरह मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का अधिकार है, सबको भागीदारी का मौक़ा मिलना चाहिए और यही लड़ाई है.”

इस पर बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा था, “आरएसएस को जानने के लिए राहुल गांधी को कई जन्म लेने पड़ेंगे. कोई देशद्रोही आरएसएस को नहीं जान सकता. जो विदेशों में जाकर देश की निंदा करे वो आरएसएस को नहीं जान सकता. लगता है कि राहुल गांधी भारत को बदनाम करने के लिए ही विदेश जाते हैं.”

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि ‘आरएसएस को भारत की कोई समझ नहीं है. उन्होंने भारत के संविधान का भी आख़िर तक विरोध किया था, जब वो संभव नहीं हो पाया तब जाकर उन्होंने संविधान को स्वीकारा. उन्होंने 52 साल तक तिरंगे का भी विरोध किया था. क्या ये बात किसी से छुपी है?’

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