रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एसजी फिनसर्व लि. पर 28.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से संबंधित कुछ खास शर्तों का पालन नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया गया है. एसजी फिनसर्व को पहले मूंगिपा सिक्योरिटीज के नाम से जाना जाता था. RBI समय-समय पर वित्तीय संस्थाओं के नॉन-कंप्लाइंस के मुद्दों पर नजर रखता है और पेनल्टी जैसे एक्शन भी लेता रहता है जिससे कंपनियों और बैंकों के ऊपर नजर बनी रहे.
आरबीआई ने सोमवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2022-23 के कंपनी की फाइनेंशियल डिटेल्स में अन्य बातों के साथ-साथ सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (सीओआर) से जुड़ी खास शर्तों का पालन न करने का खुलासा हुआ. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने जारी किए गए सीओआर में खास शर्तों का पालन नहीं करने के बाद भी लोगों से पैसे डिपॉजिट के तौर पर लिए और लोन दिए हैं.
रिजर्व बैंक ने अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक पर भी 14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बैंक के ऊपर फाइनेंशियल क्राइटेरिया को मजबूत करने और ‘अपने ग्राहक को जानें’ (केवाईसी) पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए यह जुर्माना लगाया गया है. छोटे या ग्रामीण इलाकों के बैंक में इस तरह की गलती हो जाती है लेकिन आरबीआई बैंकों का रेगुलेटर है और वो समय-समय पर एक्शन लेता रहता है.
इसके अलावा, कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए तीन अन्य सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है. ये बैंक हैं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लिमिटेड-भिंड, मध्य प्रदेश, द अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड धरनगांव, महाराष्ट्र और श्री कालाहस्ती को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड-आंध्र प्रदेश.
रिजर्व बैंक ने कहा कि जुर्माना नियामक कंप्लाइंस में कमियों पर आधारित है. आरबीआई का मकसद इन संस्थाओं के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर फैसला लेना नहीं है.