बिहार 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में चार सीटों पर हुए उप चुनाव के नतीजे शनिवार (23 नवंबर) को आ गए हैं. जिन चार सीटों पर चुनाव हुए हैं, उनमें बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी विधानसभा सीट है. इस उप चुनाव को 2025 का सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इस सेमीफाइनल में महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है और सभी चारों सीट पर एनडीए चुनाव जीत चुकी है.
इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका आरजेडी को लगा है, क्योंकि यहां दो सीट बेलागंज और रामगढ़ पर आरजेडी के विधायक थे, जो दोनों सीट हार गए हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण सीट बेलागंज मानी जा रही थी. क्योंकि बेलागंज से 1990 से लगातार सुरेंद्र यादव चुनाव जीतते रहे थे. कहा जाए तो 34 सालों तक इस सीट पर सुरेंद्र यादव का कब्जा रहा है.
2024 के लोकसभा चुनाव में जहानाबाद से सांसद बनने के बाद आरजेडी ने सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को टिकट दिया, लेकिन पिता के सीट को बेटा बचाने में नाकामयाब हो गए और तकरीबन 8000 वोट से वह चुनाव हार गए है. बेलागंज सीट पर हमेशा से जेडीयू फाइट करती आई है, लेकिन जेडीयू को कभी सफलता नहीं मिली थी लेकिन इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने बेलागंज में जीत का झंडा गाड़ दिया है और मनोरमा देवी बेलागंज क्षेत्र की विधायक बन गई हैं.
लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के लिए बेलागंज चुनाव हारना बड़ी चुनौती तो है ही साथ ही साथ सुरेंद्र यादव के लिए बड़ा झटका है. बेलागंज के समीकरण को समझा जाए तो सुरेंद्र यादव को यहां से लगातार जीतने की मुख्य वजह रही थी कि लालू प्रसाद यादव का एमवाई समीकरण कारगर रहा है. 15 से 16% के करीब बेलागंज में वोटर है तो 1 सबसे अधिक 16% से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं.
सुरेंद्र यादव को हमेशा मुस्लिम और यादव का वोट मिलता रहा है और अपर कास्ट सहित अन्य जातियों के कुछ वोट सेवा हमेशा मिला, जिससे वो चुनाव जीतते रहे, लेकिन इस बार प्रशांत किशोर की जनसुराज की पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद अमजद को मैदान में उतारा जो, जीत नहीं पाए लेकिन करीब 17 हजार से अधिक वोट लाए जो माना जा रहा है कि आरजेडी के लिए बड़ा नुकसानदायक रहा है.