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रोहित वेमुला के भाई वेमुला राजा ने कहा- सीएम ने न्याय दिलाने और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया

रोहित वेमुला के भाई वेमुला राजा ने कहा है कि सीएम रेवंत रेड्डी ने रोहित वेमुला मामले में न्याय दिलाने और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है.

रोहित वेमुला के भाई राजा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ”क्लोज़र रिपोर्ट जमा करने के बाद डीजीपी ने खुद बयान दिया है कि मामले की दोबारा जांच की जाएगी और इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका भी डाली जाएगी.”

”हमने सीएम को ज्ञापन दिया है और उन्होंने रोहित वेमुला को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है.”

वेमुला राजा ने कहा, ”कांग्रेस सरकार इस मामले की जांच करेगी और हमें भरोसा है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी. हम उसका इंतज़ार कर रहे हैं.”

इससे पहले रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में मीडिया में चल रही ख़बरों पर तेलंगाना पुलिस ने बयान जारी किया था.तेलंगाना पुलिस के डीजीपी का कहना है कि इस मामले में पहले आई क्लोज़र रिपोर्ट पर आगे जांच की जाएगी.पहले हुई जांच पर रोहित वेमुला की मां और उनके क़रीबियों के सवाल उठाए जाने पर तेलंगाना पुलिस ने यह फैसला लिया है.

तेलंगाना पुलिस ने मार्च 2024 में रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाख़िल की थी जिसमें सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी गई है.

क्लोज़र रिपोर्ट के मुताबिक़, तेलंगाना पुलिस की जांच में पाया गया कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे और उनकी मां ने फर्ज़ी प्रमाण पत्र बनवाया था.

अब इस क्लोज़र रिपोर्ट पर तेलंगाना पुलिस का बयान आया है.

डीजीपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, ”रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया में कई रिपोर्ट्स चल रही हैं.”

”जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है वो 2018 में तैयार की गई थी और उसे जांच अधिकारी के सामने 21 मार्च 2024 को पेश किया गया था.”

बयान में कहा गया, ”जो जांच हुई है उस पर रोहित वेमुला की मां द्वारा सवाल उठाए गए हैं और इसलिए हम इस मामले में आगे जांच करेंगे.”

”जांच आगे बढ़ाने को लेकर संबंधित न्यायलय में याचिका दाखिल करके अनुमति ली जाएगी.”

क्या था मामला

17 जनवरी 2016 को हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 26 वर्षीय दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी.

रोहित यूनिवर्सिटी में आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य थे. वो कैंपस में दलित छात्रों के अधिकार और न्याय के लिए भी लड़ते रहे थे.

रोहित और चार अन्य दलित छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया था, उन्हें मेस भी इस्तेमाल नहीं करने दिया गया था.

आत्महत्या मामले में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी और उन पर एससी-एसटी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.बंडारू दत्तात्रेय ने अगस्त, 2015 में मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी को पत्र लिखा था.

विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे आंबेडकर स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने बीजेपी से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष सुशील कुमार के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की थी. इसके बाद दत्तात्रेय ने यह पत्र लिखा था.

दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया था.दत्तात्रेय के पत्र के बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को एक पैनल बनाने का आदेश दिया था जिसने निलंबन का फ़ैसला किया था.

इस मामले में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और सिंकदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय, एमएलसी एन रामचंदर राव, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव को अभियुक्त बनाया गया था.

साल 2018 की इस क्लोज़र रिपोर्ट के साल 2024 में सामने आने के बाद सभी अभियुक्तों को दोष मुक्त पाया गया है जिस पर अब तेलंगाना पुलिस ने आगे की जांच की बात कही गई है.

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