लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन का बुधवार को अंतिम दिन है. लेकिन समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. पार्टी के लिए आजम खान के जेल में होने के कारण रामपुर में चेहरा तय करना मुश्किल हो रहा था तो दूसरी ओर उनका नाराजगी के कारण पहले से घोषित एक प्रत्याशी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.
दरअसल, बीते 24 मार्च को सपा ने अपने दो प्रत्याशियों के नाम का एलान किया था. तब पार्टी ने बिजनौर सीट पर अपना प्रत्याशी बदला था. पार्टी ने इस सीट पर दीपक सैनी को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अब चर्चा है कि मुरादाबाद सीट से पार्टी ने अपने मौजूदा प्रत्याशी को बदला दिया है. सपा ने 24 मार्च को ही एसटी हसन को मुरादाबाद से अपना प्रत्याशी बनाया था.
लेकिन रुचि वीरा ने दावा किया है कि अब उन्हें टिकट मिल गया है. हालांकि एसटी हसन ने मंगलवार को ही अपना नामांकन किया था. उन्होंने सपा के प्रत्याशी के तौर पर अपने नाम का एलान होने के बाद नामांकन किया था.
जताई थी नाराजगी
सूत्रों की मानें तो रुचि वीरा सपा के कद्दावर नेता आजम खान के गुट में शामिल हैं. दावा है कि एसटी हसन पर स्थानीय नेताओं और आजम खान की नाराजगी भारी पड़ी गई है. सूत्रों के अनुसार आजम खान मुरादाबाद सांसद एसटी हसन से खुश नहीं थे. जिसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान एसटी हसन को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध करते हुए नाराजगी जताई थी.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एसटी हसन ने बीजेपी के कुंवर सर्वेश कुमार को हराकर करीब एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में वह इस सीट पर कुंवर सर्वेश कुमार से हार गए थे. अभी एसटी हसन लोकसभा में सपा के नेता भी थे, उन्हें मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह जिम्मेदारी मिली थी.