Homeबिज़नेसस्टॉक मार्केट अपने निर्णय लेने में सक्षम, वित्त मंत्री ने दखलंदाजी....

स्टॉक मार्केट अपने निर्णय लेने में सक्षम, वित्त मंत्री ने दखलंदाजी….

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि दुनियाभर के बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी हैं. हालांकि, भारतीय स्टॉक मार्केट सभी देशों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. स्मॉल और मिड कैप कंपनियों द्वारा आईपीओ और स्टॉक प्राइस में हेरफेर को लेकर सेबी द्वारा जताई गई आशंका को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय मार्केट ने हमेशा एक शुचिता का परिचय दिया है. इसलिए मैं बाजारों को उनकी बुद्धिमता पर छोड़ रही हूं. भारतीय स्टॉक मार्केट अपने निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम हैं.

एसएमई सेगमेंट में हेरफेर को लेकर सेबी चिंतित 

बाजार नियामक सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने हाल ही में कहा था कि एसएमई सेगमेंट (SME Segment) में हेरफेर के संकेत मिल रहे हैं. कई एसएमई कंपनियां न सिर्फ अपने आईपीओ बल्कि स्टॉक प्राइस में भी गड़बड़ियां करने की कोशिश कर रही हैं. इनकी धरपकड़ के लिए सेबी सभी जरूरी कदम उठा रहा है. इस संबंध में जब वित्त मंत्री से इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सवाल पूछा गया तो निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे मार्केट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. वह अपने निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम हैं. मैं उसमें दखलंदाजी नहीं करना चाहती हूं.

स्मॉल और मिड कैप इंडेक्स में भारी उथल-पुथल

माधबी पुरी बुच के इस खुलासे के बाद स्मॉल और मिड कैप इंडेक्स में भारी उथल-पुथल हुई है. उन्होंने कहा था कि एसएमई सेगमेंट में इस हेरफेर से इक्विटी मार्केट (Equity Markets) में एक बुलबुले जैसी स्थिति बन सकती है, जो कि निवेशकों पर बुरा असर डाल सकती है. इस बुलबुले को बनने देना ठीक नहीं होगा. सेबी प्रमुख ने एसएमई सेगमेंट की कुछ कंपनियों द्वारा कीमतों में हेरफेर का खेल खेलने का दावा किया था. उन्होंने निवेशकों को इस रिस्क से दूर रहने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि हमारे पास इस हेरफेर की जानकारी है. हम किसी भी कार्रवाई से पहले पुख्ता सबूत जुटा रहे हैं. इसके लिए तकनीक की मदद भी ली जा रही है.

एसएमई सेगमेंट को लेकर सतर्क हुईं 

सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा था कि इस सेगमेंट में वैल्युएशन के मानक सही नहीं लगाए जा रहे हैं. ये तार्किक नहीं हैं. जनवरी, 2023 से ही स्मॉल और मिड कैप कंपनियों ने स्टॉक मार्केट पर शानदार परफॉरमेंस किया है. इन्होंने मेनबोर्ड कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है. कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने ऐसी स्कीम पर मासिक निवेश का कैप लगा दिया है. साथ ही इनमें एकमुश्त रकम स्वीकार करना बंद कर दिया है.

RELATED ARTICLES

Most Popular