माफिया मुख्तार अंसारी का शव भारी भीड़ के साथ कब्रिस्तान पहुंच गया है, जहां उसे सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर पुलिस का सख्त पहरा था. इस दौरान समर्थकों की भारी भीड़ वहां मौजूद थी. तब पुलिस के साथ मुख्तार के परिजन खुद भीड़ को नियंत्रित करने में सहयोग रहे थे. लेकिन मुख्तार को दफनाए जाने के बाद सांसद अफजाल अंसारी और गाजीपुर डीएम के बीच जोरदार बहस हुई है.
दरअसल, सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन चाहता था कि मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए. जबकि परिवार इसपर सहमत नहीं था. ऐसे में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस मुद्दे का मतभेद खुलाकर सामने आ गया. वहां गाजीपुर डीएम और अफजाल अंसारी के बीच जोरदार बहस हुई.
मुख्तार अंसारी का जनाजा पहुंचने के वक्त हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. हालांकि इसे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक और मुख्तार अंसारी के भतीजे मोहम्मद सुहैब अंसारी ने कहा कि मैं यहां मौजूद सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे शांति बनाए रखें. गौरतलब है कि मुख्तार को उसके पुस्तैनी कब्रिस्तान कालीभाग में दफन किया गया.
देर रात गाजीपुर पहुंचा था शव
इससे पहले मुख्तार अंसारी का शव भारी पुलिस बल के साथ रात 1:15 बजे पैतृक कस्बा मुहम्मदाबाद के आवास पर पहुंचा था. शव आने की सूचना पर हजारों की संख्या में समर्थक जुट गए. वहीं दूसरी ओर शहर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी पहले से ही चल रही थी. मुख्तार की कब्र पिता व मां की कब्र के समीप खोदी गई थी.
सुरक्षा के लिहाज से कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती रही. मुख्तार का शव एंबुलेंस से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचा था. बता दें कि बांदा जेल में उसका हार्ट अटैक होने के बाद मेडिकल कॉलेज लाया गया था. जहां उसकी मौत हो गई थी.