सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को फॉर्म 17सी का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का आदेश देने से फ़िलहाल इनकार कर दिया है. साथ ही याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है.
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ सुनवाई कर रही थी कि वर्तमान याचिका में उठाई गई अंतरिम मांग साल 2019 में डाली गई याचिका की मांग से मिलती जुलती है और ये मामला कोर्ट में पेंडिंग है.
कोर्ट ने ये फैसला असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एनजीओ की याचिका के जवाब में दिया है. इस एनजीओ ने अपनी याचिका में अपील की थी कि आयोग अभी चल रहे लोकसभा चुनाव में 48 घंटे के अंदर हर पोलिंग स्टेशन पर वोटों का डेटा जारी करे.
इसके लिए फॉर्म 17सी को सार्वजनिक करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. 17सी वो फॉर्म है, जिसमें एक पोलिंग बूथ पर डाले गए वोटों की संख्या दी होती है.
इस मामले में दो दिन पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि वेबसाइट पर हर मतदान केंद्र के वोटिंग प्रतिशत का डेटा सार्वजनिक करने से चुनाव मशीनरी में गड़बड़ी हो जाएगी. ये मशीनरी पहले ही लोकसभा चुनावों के लिए काम कर रही है.
चुनाव आयोग ने ये भी कहा था कि “पूरी जानकारी देना” और फॉर्म17सी को सार्वजनिक करना वैधानिक फ्रेमवर्क का हिस्सा नहीं है. इससे पूरे चुनावी क्षेत्र में गड़बड़ी हो सकती है. इन डेटा की तस्वीरों को मॉर्फ़ किया जा सकता है.