लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर सस्पेंस खत्म हो गया है. सपा नेता रुचि वीरा ने सपा के सिंबल पर नामांकन करने केलिए जिला निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर गईं हैं. पार्टी की ओर से रुचि ही मुरादाबाद सीट से आधिकारिक कैंडिडेट होंगी. नामांकन के लिए डीएम ऑफिस जाते हुए रुचि वीरा ने कहा कि वह नामांकन के बाद वार्ता करेंगी.
एसटी हसन से जुड़े सवाल के जवाब पर रुचि ने कहा कि वह मेरे बड़े भाई हैं. हसन का टिकट सवाल कटने के सवाल पर रुचि ने कहा कि मुझे इस बारे में नहीं पता है. आप यह उनसे पूछिए. लखनऊ से उनको नामांकन से रोके जाने के सवाल पर रुचि ने कहा कि मैं नामांकन कराने जा रहीं हूं. मुझे किसी ने नहीं रोका है.
सपा सांसद एसटी हसन का क्या होगा?
रुचि वीरा के नामांकन के लिए जाने के बाद अब डॉक्टर एसटी हसन के सियासी भविष्य को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. सूत्रों के अनुसार सपा उन्हें रामपुर से उम्मीदवार बनाना चाहती थी. मंगलवार को एसटी हसन भी सपा की ओर से अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं. रुचि वीरा के नामांकन दाखिल करने के बाद क्या वो अपना पर्चा वापस लेंगे या पार्टी उन्हें कहीं से और चुनाव लड़ाने पर विचार करेगी. इस पर सबकी नजर टिकी हुई है.
इससे पहले सपा सांसद एसटी हसन का टिकट कटने की खबरों को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी दिखाई दी थी. मगंलवार को उनके समर्थकों ने रुचि वीरा के खिलाफ नारेबाजी भी की और उन्हें बाहर प्रत्याशी बताते हुए अपना विरोध दर्ज किया था. लेकिन, इस मुद्दे पर सपा में दो फाड़ दिखाई दे रहे हैं.
रुचि वीरा सपा के कद्दावर नेता आजम खान की करीबी मानी जाती है. माना जा रहे हैं उन्होंने ही सपा अध्यक्ष के सामने उनके नाम को आगे बढ़ाया, जिसके बाद अखिलेश यादव उन्हें मना नहीं कर सके और उन्होंने रुचि वीरा के नाम पर सहमति जता दी. सपा अध्यक्ष ने 22 मार्च को ही सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनका नाम सामने आया है. रुचि वीरा बिजनौर की रहने वाली है और एक बार बिजनौर सदर सीट से सपा की विधायक भी रह चुकी हैं.