Homeलाइफ़स्टाइलआपके आसपास रहते हैं बीड़ी-सिगरेट पीने वाले, जानें कितना खतरनाक?

आपके आसपास रहते हैं बीड़ी-सिगरेट पीने वाले, जानें कितना खतरनाक?

‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ के एक रिसर्च के मुताबिक बार-बार भांग पीने से व्यक्ति को दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है. जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में पब्लिश इस रिसर्च में लगभग 435,000 अमेरिकी वयस्कों के डेटा का इस्तेमाल किया गया है. और यह भांग और हृदय संबंधी घटनाओं के बीच संबंधों का पता लगाने वाले अब तक के सबसे बड़े अध्ययनों में से एक है.

NIH के हिस्से नेशनल हार्ट लंग और ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI) द्वारा वित्त पोषित इस अध्ययन में पाया गया कि भांग, सिगरेट, धूम्रपान के माध्यम से दवा के गैर-उपयोग की तुलना में दिल के दौरे की 25% अधिक संभावना और स्ट्रोक की 42% अधिक संभावना से जुड़ा था. कम बार उपयोग करने से हृदय संबंधी घटनाओं का जोखिम भी बढ़ जाता है. साप्ताहिक उपयोगकर्ताओं में दिल के दौरे की 3% अधिक संभावना और स्ट्रोक की 5% अधिक संभावना दिखाई दी.

निकोटीन: बीड़ी में सामान्य सिगरेट की तुलना में तीन से पांच गुना अधिक निकोटीन होता है.

टार और कार्बन मोनोऑक्साइड: बीड़ी में सामान्य सिगरेट की तुलना में अधिक टार और कार्बन मोनोऑक्साइड होता है.

कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन: बीड़ी के धुएं में कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन (COHb) का उच्च स्तर होता है, जो आपके हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है.

अमोनिया: बीड़ी के धुएं में अमोनिया होता है, जो आपके सांस की नली को नुकसान पहुंचा सकता है.

कोरोनरी धमनी रोग: बीड़ी पीने से कोरोनरी धमनी रोग का खतरा बढ़ जाता है.

एक्यूट मायोकार्डियल इंफार्क्शन: बीड़ी पीने से एक्यूट मायोकार्डियल इंफार्क्शन (दिल का दौरा) का खतरा बढ़ जाता है.

सांस की नली में इंफेक्शन: बीड़ी पीने से गंभीर श्वसन दुर्बलता होती है.

धूम्रपान से कैंसर, दिल की बीमारी और सांस संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए आप ये कर सकते हैं.

तंबाकू के धुएं से बचें

धूम्रपान शुरू न करें

अगर आप पहले से ही धूम्रपान करते हैं तो उसे छोड़ दें

दूसरे के द्वारा किए गए धूम्रपान से बचें

ऐसी जगहों पर न जाएं जहां धूम्रपान की अनुमति हो

हम लंबे समय से जानते हैं कि तम्बाकू धूम्रपान हृदय रोग से जुड़ा हुआ है, और यह अध्ययन इस बात का सबूत है कि भांग का धूम्रपान हृदय रोग के लिए भी एक जोखिम कारक प्रतीत होता है.

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