Homeलाइफ़स्टाइलमुहर्रम की तीसरी तारीख, जानें आज के दिन क्या करते हैं मुसलमान?

मुहर्रम की तीसरी तारीख, जानें आज के दिन क्या करते हैं मुसलमान?

इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के मुताबिक साल के पहले महीने मुहर्रम की शुरुआत हो चुकी है. दुनियाभर में मुसलमान (Muslims) इस महीने को ग़म (शोक) के रूप में मनाते हैं. इसमें इस महीने के शुरुआती दस दिन सबसे अहम होते हैं, जिसे अशरा कहा जाता है. इसका दसवां दिन रोज़ ए आशूरा के रूप में मनाया जाता है.

अब सवाल ये है कि मुहर्रम में आखिर किया क्या जाता है, तो आपको बता दें कि मुस्लिम धर्म के अलग-अलग फिरके (वर्ग) के लोग मुहर्रम को अपने-अपने एतबार से मनाते हैं. इनमें खासतौर से शिया मुस्लिम मुहर्रम के महीने में मजलिसों (कथाओं) का आयोजन करते हैं.

क्यों मनाया जाता है मुहर्रम (Why Celebrate Muharram)

इराक के करबला में सन 61 हिजरी में आखिरी नबी पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के नवासे इमाम हुसैन को उनके 71 साथियों के साथ करबला के मैदान में तीन दिन का भूखा और प्यासा शहीद कर दिया गया था. इसी की याद में मुहर्रम को मनाया जाता है.

वैसे तो करबला के मैदान में आशूर (मुहर्रम महीने की दसवीं तारीख) के दिन इमाम हुसैन को उनके साथियों और परिवार के लोगों के साथ शहीद कर दिया गया था, लेकिन दुनियाभर में इन दस दिन में इन शहीदों को अलग-अलग पुरसा (शोक मनाना) दिया जाता है.

आज मुहर्रम के महीने का तीसरा दिन है और आज का दिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इमाम हुसैन के बचपन के दोस्त हबीब इब्ने मजाहिर से मंसूब (संबंधित) है. तीन मुहर्रम के दिन मजलिसों (कथाओं) में हबीब इब्ने मजाहिर का जिक्र किया जाता है. हबीब को इमाम हुसैन ने खत लिखकर कूफे से (ईराक का शहर) बुलाया था. इमाम हुसैन का खत पाकर हबीब करबला उनकी नुसरत (मदद) के लिए पहुंचे थे. आज के दिन जगह-जगह उन्हीं का जिक्र किया जाता है.

मुहर्रम की किस तारीख से किसका संबंध

अगली खबर में हम आपको बताएंगे कि मुहर्रम की किस तारीख से किसका संबंध है. साथ ही बताएंगे कि मुहर्रम की चार, पांच और छह तारीख को क्या किया जाता है.

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