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पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस उत्तराखंड सरकार ने किए रद्द

उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 15 अप्रैल को एक आदेश जारी कर पतंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं.

ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ एक्ट का उल्लंघन करने के लिए रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के ख़िलाफ आपराधिक शिकायत भी दर्ज की गई है.

जिन उत्पादों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं उनमें स्वासारि गोल्ड, स्वासारि वटी, ब्रोंकोम, स्वासारि प्रवाही, स्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आईड्रॉप शामिल है.

सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफ़नामे में उत्तराखंड सरकार ने ये जवाब दिया है.

राज्य सरकार की ओर से ये कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब सुप्रीम कोर्ट में रामदेव और पतंजलि के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण के ख़िलाफ़ अदालत के आदेशों की अवहेलना करने के मामले पर सुनवाई हो रही है.

बीते दिनों पतंजलि की ओर से अख़बारों में बिना शर्त माफ़ीनामा छापवाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की 2022 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है.

पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने पतंजलि से कोर्ट की अवमानना के आरोपों का जवाब मांगा था.

सुप्रीम कोर्ट पतंजलि से जुड़ी दिव्य फार्मेसी के ख़िलाफ़ सुनवाई कर रहा है. इन विज्ञापनों में ब्लड प्रेशर से लेकर, थायरॉयड, जिगर और चमड़े की बीमारियों को पूरी तरह से ठीक होने का दावा किया गया था, साथ ही आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की आलोचना की गई थी.

इस मामले में रामदेव और बालकृष्ण दोनों ही कोर्ट के सामने बिना शर्त माफ़ी मांग चुके हैं.

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