पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. जो कोई भी इस दिन श्रीगणपति (Ganesh ji) की उपासना करता है, उसके जीवन के संकट टल जाते हैं. इस दिन महिलाएं अपनी संतान के उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत भी करती हैं.
सूर्योदय से शुरू होने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है. इस साल 2024 में ज्येष्ठ माह की एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है, सही तरीख और पूजा मुहूर्त यहां जानें.
ज्येष्ठ एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 डेट (Ekdant Sankashti Chaturthi 2024 Date)
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकदंत संकष्टी चतुर्थी 26 मई 2024 रविवार को है. जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने वाला ये व्रत गणपति जी को समर्पित है. इसमें शाम को बप्पा की पूजा के बाद चांद की उपासना की जाती है.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 मुहूर्त (Ekdant Sankashti Chaturthi 2024 Muhurat)
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी 25 मई 2024 शाम 06 बजकर 58 की शुरुआत होगी और 26 मई 2024 शाम 06 बजकर 06 का समापन होगा.
- पूजा मुहूर्त – सुबह 07.08 – दोपहर 12.18
- शाम का पूजा समय – सुबह 07.12 – रात 09.45
- संकष्टी के चंद्रोदय – रात 10.12
एकदंत चतुर्थी पूजा मंत्र (Ekdant Sankashti Chaturthi Puja Mantra)
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
एकदंत चतुर्थी पूजा विधि (Ekdant Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
- आपका कोई कार्य बहुत दिन से अटका हुआ है तो किसी भी समस्या के समाधान के लिए इस दिन संकटनाशन गणेश स्तोत्र के 11 पाठ करें.
- गणेश भगवान को गुड़ के लड्डू जरूर चढ़ाएं, लड्डू की संख्या 11 या 21 रखें.
- गणेश जी को विघ्न हरने वाले और कार्य सिद्ध करने वाले देवता की उपाधि दी गई है.
एकदंत चतुर्थी महत्व (Ekdant Sankashti Chaturthi Significance)
एकदंत चतुर्थी के दिन गणपति जी के एकदंत स्वरूप की पूजा की जाती है. इनकी आराधना से जीवन में मंगल का आगमन होता है और साथ ही सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से निजात मिलती है. अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं. हर तरह के कार्यों की बाधा दूर होती है.