Homeधर्म संसारराम नवमी 16 या 17 अप्रैल कब है ? सही तारीख

राम नवमी 16 या 17 अप्रैल कब है ? सही तारीख

आज से चैत्र महीने की शुरुआत हो चुकी है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे राम नवमी कहता है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अवतारी पुरुष जरूर थे लेकिन उन्होंने सामान्य बच्चे की तरह माता के गर्भ से जन्म लिया.

सनातन सभ्यता और संस्कृति को मानने वाले राम नवमी पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं. इस साल 2024 में राम नवमी कब है, नोट कर लें डेट, पूजा मुहूर्त और महत्वपूर्ण जानकारी.

16 या 17 अप्रैल 2024 राम नवमी कब है ?

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 मिनट पर इसका समापन होगा. राम नवमी उदयातिथि के अनुसार मनाई जाती है.

ऐसे में इस साल राम नवमी 17 अप्रैल 2024 बुधवार को है. त्रेता युग से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की महानवमी यानी नवरात्रि की नवमी तिथि पर भगवान विष्णु के अंश श्रीराम का प्रादुर्भाव हुआ था. इसलिए इस दिन राम लला का जन्म कराया जाता है, मंदिरों में पूजा, पाठ कीर्तन होते हैं. अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर इस बार राम नवमी बहुत खास होने वाली है. इस बार भक्तों को राम नवमी पर पूजा के लिए 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा.

राम नवमी पूजा मुहूर्त 

  • राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – सुबह 11.03 – दोपहर 01:38
  • राम नवमी मध्याह्न का क्षण – दोपहर 12:21

राम नवमी 2024 चौघड़िया मुहूर्त

  • लाभ (उन्नति) – सुबह 05.53 – सुबह 07.30
  • अमृत (सर्वोत्तम) – सुबह 07.30 – सुबह 09.07
  • शुभ (उत्तम) – सुबह 10.44 – दोपहर 12.21

चैत्र राम नवमी क्यों मनाई जाती है

श्रीराम को पुरुणों में सबसे श्रेष्ठ का दर्जा दिया गया है. शास्त्रों में भगवान राम और उनके तीनों भाईयों के जन्म को लेकर एक पौराणिक कथा है.जिसके अनुसार, जब राजा दशरथ की रानियों कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी में से जब तीनों को ही पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई तब, राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया और प्रसाद में यज्ञ से निकली खीर तीनों रानियों को खिलाई जिसके बाद राजा दशरथ की तीनों रानियों ने गर्भधारण किया. उसके नौ महीने बाद कौशल्या ने भगवान राम, कैकेयी ने भरत और सुमित्रा ने लक्ष्मण को जन्म दिया. तब से ही ये तिथि रामनवमी के रूप में मनाई जाती है.

राम नवमी पूजा विधि (Ram Navami Puja vidhi)

  • इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले आपको स्नान करके, मंदिर या घर में ही श्रीराम का अभिषेक और पूजन करना चाहिए.
  • इस दिन षोडोपचार विधि से प्रभु राम की पूजा करें, उन्हें चंदन, फूल, नए वस्त्र आदि अर्पित करें. खीर का भोग चढ़ाए.
  • राम नवमी पर श्रीराम चरित मानस का पाठ करना श्रेष्ठ है लेकिन समय कम हो तो सुन्दकाण्ड का पारायण अवश्य करें.  ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है, साथ ही धन वैभव की वृद्धि होती है.
  • रामनवमी के दिन एक कटोरी में गंगा जल रखकर उसके सामने रामरक्षा मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्री नम:’ का जप 108 बार. इस जल को घर के हर कोने छत पर छिड़क दें. इससे समस्त नकारात्मकता दूर हो जाती है.
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