इसराइल और हमास के बाच लागू हुए युद्ध विराम के बाद सोमवार पहला दिन था, जब राहत कर्मियों और आम लोगों ने व्यापक विनाश के बारे में बताया है.
ग़ज़ा के सिविल डिफ़ेंस एजेंसी के पास ग़ज़ा पट्टी में आपातकालीन सेवाओं की ज़िम्मेदारी है. उसका कहना है कि उसे डर है कि इलाक़े में मलबे के विशाल भंडार अब भी दस हज़ार से ज़यादा शव दबे हुए हैं.
एजेंसी के प्रवक्ता, महमूद बसल ने बीबीसी को बताया है कि उन्हें उम्मीद है कि वो शवों को सौ दिनों में बरामद कर लेंगे, लेकिन इसमें ज़रूरी उपकरणों और बड़े बुलडोज़रों की कमी की वजह से देरी हो सकती है.
युद्ध विराम लागू होने के बाद ग़ज़ा से ताज़ा तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें बीते क़रीब पंद्रह महीनों के दौरान इसराइली हमले के बाद के हालात दिख रहे हैं.इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि ग़ज़ा में 60 फ़ीसदी ढांचे नष्ट हो चुके हैं या उन्हें नुक़सान हुआ है.