स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में स्थित संघ मुख्यालय में कहा कि दुनिया में हमेशा से ऐसे लोग रहते हैं जो अन्य देशों पर वर्चस्व चाहते हैं, ऐसे में इनसे रक्षा करनी पड़ती है.
भागवत ने कहा, ”हमने देश के लिए जिस प्रकार का रास्ता तय किया, उस पर चलना पड़ता है. परिस्थिति के उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं. हमें स्वतंत्र देश के नागरिक होने के कारण इसकी रक्षा करनी है.”
वो बोले, ”स्वतंत्र के स्व को प्रकट करना है. ये बातें मन में रखकर चलने से जो वातावरण बनता है, उसमें स्वतंत्रता सुरक्षित रहती है. स्थिति आज हम देख रहे हैं. पड़ोसी देश में बहुत उत्पात हो रहे हैं और वहां रहने वाले हिंदू बंधुओं को बिना कारण ही उसकी गर्मी झेलनी पड़ रही है.”
भागवत बोले- ”भारतवर्ष ऐसा है कि स्वयं की रक्षा और स्वतंत्रता का तो दायित्व है ही, जो कि हर देश की होती है. भारतवर्ष की परंपरा रही है कि वो अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है. इसलिए आपने पिछले सालों में देखा होगा कि हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया है. जो संकट में था उसकी मदद की और ये नहीं देखा कि वो हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है.”
मोहन भागवत ने कहा, ”दुनियाभर के पीड़ितों के लिए हम और हमारी सरकार भी मदद करती है. ऐसी परिस्थिति में अपना देश ठीक रहे. अन्य देशों को ठीक होना है और उनको हमारी मदद की जरूरत हो. उन देशों में जो अस्थिरता और अराजकता की गर्मी झेलने वाले लोगों को कष्ट ना हो जैसी कितनी ही जिम्मेदारी हमारे सिर पर है.”