Homeलाइफ़स्टाइलतिहाड़ में अपने साथ टॉफी रखते हैं अरविंद केजरीवाल, जानें क्यों

तिहाड़ में अपने साथ टॉफी रखते हैं अरविंद केजरीवाल, जानें क्यों

दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सेल में अपने साथ टॉफी रखने की इजाजत दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने केजरीवाल को टेबल पर इसबगोल, ग्लूकोज और टॉफी के साथ शुगर सेंसर और ग्लूकोमीटर रखते हुए देखा है. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया था कि डायबिटीज से पीड़ित दिल्ली के मुख्यमंत्री को ये सामान जे जाने की अनुमति दें ताकि उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे.
बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ’21 मार्च को ED ने अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट किया और उसके बाद से ही उनका वजन 4.5 किलोग्राम तक गिर गया है. केजरीवाल को डायबिटीज है. स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद भी वह 24 घंटे देश की सेवा करते हैं.’
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में टॉफी कैसे मददगार
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर का कहना है कि चीनी कम ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) वाले मरीजों में ग्लूकोज का लेवल तेजी से बढ़ा सकती है, इसलिए टॉफी का इस्तेमाल कभी-कभी फायदेमंद होता है. ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने के लिए डायबिटिक पेशेंट को अक्सर साथ में टॉफी रखने की सलाह दी जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि फल और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले सुक्रोज, फ्रुक्टोज और लैक्टोज जैसे कार्बोहाइड्रेट तुरंत एनर्जी देते हैं. ऐसे कार्बोहाइड्रेट चॉकलेट, टॉफी और मिठाई में भी मिलते हैं. टॉफी खाने से लो ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है और कमजोरी, कंपकंपी या भ्रम जैसे लक्षण कम हो सकते हैं.
डायबिटीज में कितना टॉफी खाना चाहिए
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टॉफी से ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन किया जा सकता है लेकिन याद रखना चाहिए कि बहुत ज्यादा टॉफी या मीठी चीज से ब्लड शुगर लेवल बढ़ भी सकता है, जो खतरनाक हो सकता है. खासकर डायबिटीज मरीजों को इसे लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा डायबिटीज मरीजों को चीनी के सेवन को लेकर भी अलर्ट रहना चाहिए. ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले विकल्पों की ओर जाना चाहिए.
शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का कारण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों के लिए 70 mg/dL और 100 mg/dL तक नॉर्मल ग्लूकोज लेवल बनाए रखना काफी चुनौती वाला होता है. लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी, नींद पैटर्न का बिगड़ने के अलावा फिजिकल एक्टिविटीज कम होने से ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ावा बन सकता है. ऐसे में किसी तरह की लापरवाही से बचना चाहिए और दिक्कत समझ आने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
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