बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज शुक्रवार को पांचवा दिन है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया. प्रीपेड स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर महागठबंधन विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे. स्पीकर के मना करने के बावजूद विपक्षी नेता नहीं मानें और हंगामा करते रहे. इस बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
स्मार्ट मीटर में आ रही समस्याओं को लेकर कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने सदन की एक कमिटी बनाने की मांग की, ताकी जांच हो सके. इस पर जेडीयू विधायक और उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि यह राजनीतिक डिमांड आप कर रहे हैं. जब हम आपके साथ थे तो मीटर ठीक था, जब हम लोग अलग हुए तो स्मार्ट मीटर बड़ा मुद्दा बन गया. उनके इस बयान पर भारी हंगामा होने लगा.
दरअसल महागठबंधन के विधायकों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिल ज्यादा आने लगे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों को हो रही है. विपक्षी विधायकों का कहना है कि रिचार्ज कब खत्म होता है पता ही नहीं चलता. बिजली कट जाती है. बिजली की खपत कम हो रही है, लेकिन बिजली बिल बहुत ज्यादा आ रहा है. सबसे महंगी बिजली बिहार में है.
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी हंगामें के बीच गुजर रहा है. आज आखिरि दिन भी सदन के ठीक से नहीं चल सका. बिजली बिल, बेरोजगारी और आरक्षण को महागठबंधन मुद्दा बना रहा है. हालांकि विपक्ष स्मार्ट मीटर के जरिए ज्यादा बिजली बिल वाले जनहित के मुद्दे को सदन में जोरदार तरीके से रखने में कामयाब रहा, लेकिन जनता के कई अहम मुद्दे सदन के पटल पर नहीं पहुंच सके.