Homeदेश विदेशउत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की सुविधाओं में होगा इजाफा

उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की सुविधाओं में होगा इजाफा

उत्तराखंड के चारधाम—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. तीर्थयात्रा के दौरान उमड़ने वाली भीड़ और धामों की सीमित धारण क्षमता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनकी क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. शुक्रवार को अपने आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने चारधाम यात्रा के प्रबंधन और अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विस्तार से चर्चा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के सम्मान और धार्मिक महत्व से जुड़ी है. इसे सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी. उन्होंने यात्रा प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया को 30 जनवरी तक पूरा करने और तीर्थ पुरोहितों व अन्य हितधारकों से 15 जनवरी तक सुझाव लेने के निर्देश दिए. चारधाम की मौजूदा धारण क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. केदारनाथ की मौजूदा क्षमता 17,894, बदरीनाथ की 15,088, गंगोत्री की 9,016 और यमुनोत्री की 7,871 श्रद्धालुओं की है.

 मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ यात्रियों की संख्या हर साल बढ़ रही है, इसलिए अवस्थापना सुविधाओं में सुधार और धारण क्षमता को बढ़ाने के लिए ठोस योजना बनानी होगी.

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल तकनीकी के बेहतर उपयोग पर जोर दिया. उन्होंने यात्रा पंजीकरण प्रक्रिया को और मजबूत बनाने की बात कही. इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर पार्किंग, होटल, पेयजल, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के तहत यात्रा प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. यह प्राधिकरण सालभर धार्मिक यात्राओं और मेलों के प्रबंधन और संचालन में सहायक होगा. इसके गठन से यात्रा प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता आएगी.

चारधाम यात्रा के संचालन और सुधार के लिए तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों से सुझाव लेने की बात कही गई. मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि यात्रियों की सुविधा के साथ ही स्थानीय हितधारकों के विचारों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने 2025 की चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हर पहलू पर ध्यान दिया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई.

उन्होंने पार्किंग स्थलों, होटलों, स्वच्छता और पेयजल की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया. इसके अलावा, यात्रा मार्गों की स्थिति और यातायात प्रबंधन पर भी फोकस करने की बात कही. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चारधाम की धारण क्षमता बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा है. इससे तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और यात्रा का अनुभव बेहतर होगा.

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए धामों की धारण क्षमता बढ़ाना और अवस्थापना सुविधाओं का विकास राज्य के लिए महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. इससे न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.

RELATED ARTICLES

Most Popular