गुजरात में पिछले 36 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात हैं, जिसके कारण राज्य की 15 नदियां, 21 झीलें और बांध उफान पर हैं.
कई इलाक़ों में बाढ़ की स्थिति भयावह है और कई इलाक़े डूब गए हैं. 27 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मोरबी के टंकारा में पिछले 24 घंटों में मोरबी जिले के टंकारा में 347 मिमी, पंचमहल के मोरबा हदफ में 346 मिमी, खेड़ा ज़िले के नडियाद में 327 मिमी, आणंद के बोरसद में 318 मिमी और वडोदरा तालुका में 316 मिमी बारिश हुई है.
बीबीसी गुजराती सेवा के अनुसार, राज्य में कुल 23,871 लोग विस्थापित हुए हैं. पंचमहल ज़िले में विस्थापित लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. वड़ोदरा और जामनगर जिलों की हालत सबसे ज्यादा ख़राब है.
वड़ोदरा में निचले इलाकों में रहने वाले कुल 8,361 लोगों को निकाला गया है. जामनगर ज़िले में करीब 70 लोगों को बचाया गया है.
भारतीय वायुसेना ने वाडी इलाक़े में फंसे 11 लोगों को बचाया है. मोरबी में रविवार रात को एक ट्रैक्टर-ट्रॉली नदी में गिरने से कई लोग लापता हैं.
सूचना कार्यालय के प्रेस नोट में बताया गया है कि राज्य में भारी बारिश के कारण दीवार गिरने, डूबने और पेड़ गिरने की घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई है.
केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों और आपदा प्रबंधन के लिए सेना की 6 टुकड़ियां तैनात की हैं, जिन्हें द्वारका, आनंद, वड़ोदरा, खेड़ा, मोरबी और राजकोट में तैनात किया गया है. इसके अलावा एनडीआरएफ़ की 14 प्लाटून और एसडीआरएफ़ की 22 प्लाटून भी आपदा प्रबंधन कार्य में लगी हुई हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक्स पर लिखा, “गुजरात में भारी बारिश के हालात को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने फ़ोन पर बात की और राहत और बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली. केंद्र की ओर से हर संभव मदद की आश्वासन दिया गया. पीएम मोदी हालात पर नज़र बनाए हुए हैं.”