लेबनान की राजधानी बेरूत के पास स्थित यमन के हूती लड़ाकों का कहना है कि उन्होंने रॉकेटों और मिसाइलों के ज़रिए दो जहाज़ों को निशाना बनाया है.
जिन दो जहाज़ों को हूती लड़ाकों ने निशाना बनाया है उनमें से एक जहाज़ की पहचान अमेरिका के ऑयल टैंकर के तौर पर की गई है. इसका नाम ‘ओलंपिक स्पिरिट’ है.
जिस वक़्त हूती लड़ाकों ने अमेरिकी जहाज़ ‘ओलंपिक स्पिरिट’ को निशाना बनाया उस वक़्त वह लाल सागर में तैनात था.वहीं दूसरा जहाज ‘सेंट जॉन’ था जिसे हूती लड़ाकों ने हिंद महासागर में अपना निशाना बनाया.
नवंबर 2023 से अभी तक हूती लड़ाकों ने कुल 100 जहाज़ों को अपना निशाना बना चुके हैं. इनमें से दो जहाज़ डूब भी गए हैं.वहीं इन हमलों के पीछे हूती लड़ाकों का यह कहना है कि यह ग़ज़ा में इसराइल के सैन्य अभियान का बदला लेने के लिए किया गया है.
‘हूती लड़ाकों’ का यमन के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण है. ये लाल सागर से होकर जाने वाले जहाज़ों को अक्सर ही अपना निशाना बनाते रहते हैं.हमास और इसराइल की लड़ाई शुरू होने के बाद से ही ‘हूती लड़ाकों’ ने इसराइल की ओर कई बार मिसाइलों और ड्रोन्स को छोड़ा है.’हूती’ यमन के अल्पसंख्य शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है.
इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था.उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है. वे ख़ुद को ‘अंसार अल्लाह’ यानी ईश्वर के साथी भी कहते हैं.