उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.
वहीं, यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम बताया था.
योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘’69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज माननीय न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया.’’
उन्होंने कहा, ‘’माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्रवाई करने हेतु विभाग को निर्देश दिए हैं.’’
योगी आदित्यनाथ ने बताया, ‘’उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए एवं किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.’’
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ”शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है. यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया. उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं.”
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2019 में हुई 69 हजार अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है.