कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों और पीड़िता के परिजनों के बीच फ़ोन कॉल्स की ऑडियो रिकॉर्डिंग के सामने आने से रेप और मर्डर मामले में विवाद बढ़ गया है.
गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई रिकॉर्डिंग के बाद आरोप लगाए जा रहे हैं कि अस्पताल प्रशासन ने केवल ‘ग़लत जानकारी’ ही नहीं दी बल्कि रवैया भी ‘असंवेदनशील’ था.
तीन ऑडियो क्लिप्स में पहला 71 सेकेंड का, दूसरा 46 सेकेंड और तीसरा 28 सेकेंड का है. सोशल मीडिया के अलावा कई निजी समाचार चैनलों ने इन्हें चलाया भी.
खुद को अस्पताल की असिस्टेंट सूपेरिटेंडेंट बताने वाली एक महिला की ओर से पीड़िता के पिता को ये कॉल किए गए थे.
हालांकि बीबीसी इस क्लिप की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सकता, लेकिन कोलकाता पुलिस की सेंट्रल डिविज़न डिप्टी कमिश्नर इंदिरा मुखर्ज़ी ने इस पर सफ़ाई दी है.
उन्होंने कहा कि ‘इन ऑडियो क्लिप से ये साबित होता है कि हमने शुरू से ही कभी नहीं कहा कि मौत आत्महत्या से हुई. इस क्लिप से ये भी साबित होता है कि हमारी तरफ़ से कभी नहीं बोला कि ये आत्महत्या है.’
पीड़िता के परिजन पहले ही कह चुके हैं कि नौ अगस्त की सुबह उन्हें अस्पताल से तीन बार फ़ोन आया और उसके बाद वो वहां पहुंचे.
चादर बदलने को लेकर विवाद
इस बीच गुरुवार को परिजनों ने शव को ढंकने वाली चादर के रंग के बारे में कहा था.
इस विवाद पर डीसी इंदिरा मुखर्जी ने गुरुवार को मीडिया से कहा, “सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो क्लिप वायरल हुई हैं और कुछ टेलीविज़न चैनलों में शव को ढंकने वाली चादर के रंग को लेकर बहस हो रही है.कहा जा रहा है कि पहले चादर का रंग का नीला था और बाद में इस रंग अलग था.”
उन्होंने कहा, “हमने उस दिन दोपहर 12.25 बजे फ़ोटोग्राफ़ी और वीडियोग्राफ़ी कराई थी. मैं कह सकती हूं कि चादर का रंग नीला था. कुछ लोगों का दावा है कि चादर का रंग हरा या कुछ और हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. हमने ये सारे रिकॉर्ड सीबीआई को सौंप दिए हैं.”