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जीतन राम मांझी गया सीट से किन मुद्दों पर लड़ रहे हैं चुनाव?

गया अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट है. 19 अप्रैल को पहले चरण में यहां पर वोटिंग होनी है. एनडीए से ‘हम’ के प्रत्याशी जीतन राम मांझी हैं. 80 साल के उम्र में भी पूरे दमखम के साथ चुनाव की तैयारियों में जीतन राम मांझी लगे हुए हैं. वहीं, गुरुवार को एबीपी न्यूज़ से उन्होंने खास बातचीत की. बातचीत में उन्होंने कहा कि गया लोकसभा क्षेत्र में विकास का काम लंबे समय से हुआ ही नहीं है. मुझे गया का विकास करना है. विकास सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है.

सूखा यहां बड़ी समस्या है. नहर निकालकर फल्गु में हम सोन का पानी लाएंगे. जलस्तर उंचा होगा. गर्मी में जो पशु पक्षी मारे जाते हैं वह भी बच जाएंगे. गया को पर्यटन के लिहाज से और विकसित करेंगे. मरीन ड्राइव बनेगा.

16 अप्रैल को होगी पीएम की रैली- जीतन राम मांझी 

जीतन राम मांझी ने कहा कि गया में हम नहीं जनता चुनाव लड़ रही है. हम तो बस जनता में जाकर हाजिरी लगाने का काम कर रहे हैं. मांझी ने आगे कहा कि जनता का कहना है कि आप आठ बार विधायक रहे हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. आप जीतकर संसद में जाइएगा तो साधारण सांसद नहीं रहिएगा. पीएम मोदी गया में 16 तारीख को रैली करेंगे. अबकी बार 400 पार. 400 से ज्यादा सीटें एनडीए को आएगा. बिहार में सभी 40 सीट जीतेंगे. पीएम मोदी के नाम पर जनता वोट कर रही है.

‘इंडिया’ गठबंधन पर साधा निशाना

‘हम’ नेता ने कहा कि यहां से आरजेडी के प्रत्याशी कुमार सर्वजीत हैं. उन पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. हम अपना फोकस अपने चुनाव पर लगाए हुए हैं. दूसरे दलों पर टिप्पणी करना मेरी आदत नहीं है. यह काम महागठबंधन के लोग करते हैं. वह लोग महानतम हैं. हम महान नहीं. हम अपनी बात सिर्फ करते हैं. बिहार में एनडीए एकजुट है. पीएम मोदी पर सबको विश्वास है. उसी के आधार पर जनता भोट करेगी. ‘इंडिया’ गठबंधन तो बिखर गया है. उनको जनता से मतलब नहीं है.

वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ में वामदल चुनाव लड़ रहे हैं.  ‘इंडिया’ गठबंधन टूटता जा रहा है. ‘इंडिया’ गठबंधन को बस इससे मतलब है कि उनके यहां पीएम कौन बनेगा? मंशा ही उनकी खराब है. एनडीए की मंशा है कि विकास हो, गरीबी हटे, अर्थव्यवस्था और अच्छी हो. जनता सब की असलियत समझ रही है.

8 बार विधायक रहे हैं जीतन राम मांझी 

बता दें जीतन राम मांझी 8 बार विधायक रहे, कई बार मंत्री बने. बिहार के सीएम रहे. सांसद कभी नहीं बने. 2014 में जेडीयू से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए. 2019 में महागठबंधन से लड़े हार गए. अब एनडीए से अपनी पार्टी ‘हम’ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, इस बार महागठबंधन से आरजेडी के प्रत्याशी कुमार सर्वजीत हैं.

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