संभल जाने के रास्ते में रोके जाने को राहुल गांधी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनको मिले संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है.
उन्होंने कहा, “हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस मना कर रही है, जाने नहीं दे रही है. नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मेरा अधिकार बनता है, मैं जा सकता हूं. मगर तब भी वे मुझे रोक रहे हैं. मैंने कहा है कि मैं अकेला जाने को तैयार हूं, पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं. लेकिन वो बात भी स्वाकार नहीं की गई.”
“अब कह रहे हैं कि कुछ दिनों में अगर हम वापस आएंगे तो हमें जाने देंगे. ये असल में नेता प्रतिपक्ष के अधिकारों के ख़िलाफ़ है. मुझे जाने दिया जाना चाहिए. “
राहुल गांधी ने इस दौरान संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि उन्हें रोका जाना संविधान के ख़िलाफ़ है. हम संभल जाना चाहते हैं, वहां देखना चाहते हैं कि क्या हुआ. लोगों से मिलना चाहते हैं लेकिन मेरा जो संवैधानिक अधिकार है, वो मुझे दिया नहीं जा रहा है.राहुल गांधी ने कहा, “ये नया हिंदुस्तान है, संविधान को ख़त्म करने का हिंदुस्तान है.आंबेडकर जी के संविधान को ख़त्म करने का संविधान है. मगर हम लड़ते रहेंगे.
राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है, उन्हें मिलना चाहिए. उन्हें (संभल) जाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
दरअसल, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिंसा प्रभावित संभल जाने के रास्ते में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के गाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दिया.
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर 24 नवंबर को हिंसा हुई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. राहुल गांधी मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए वहां जा रहे थे. लेकिन संभल में 29 नवंबर से लेकर 10 दिसंबर तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत बाहरी लोगों की आवाजाही पर पाबंदी है.