पटना: नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए (CAA) को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है कि यह चुनावी स्टंट है. यह वजह है कि इसे लोकसभा के चुनाव से पहले लागू किया गया है. एक तरफ बीजेपी इसको लेकर बीजेपी का कहना है कि इसे किसी को नुकसान नहीं है तो वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी की ओर से मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया दी गई है.
सीएए पर आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि संविधान हमारा धर्मनिरपेक्ष है. इसमें सभी धर्मों के प्रति सम्मान व साथ लेकर चलने का दिशा निर्देश है. सीएए से एक विशेष समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है. बीजेपी समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है.
‘जनता को भटकाने के लिए किया गया लागू‘
एजाज अहमद ने कहा, “पिछले पांच साल में केंद्र सरकार को सीएए की याद क्यों नहीं आई? लोक चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने इसको इसलिए लागू किया ताकि नाकामियों से जनता का ध्यान भटका सके, लेकिन केंद्र का यह दांव उनको खुद उल्टा पड़ने वाला है. बीजेपी के किसी भी चुनावी एजेंडा में जनता आने वाली नहीं. महंगाई कम क्यों नहीं हुई? हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? केंद्र सरकार को इन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए.”
बता दें 2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को देश भर में लागू कर दिया है. इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से सोमवार (11 मार्च) को अधिसूचना जारी की गई. सीएए लागू किए जाने के बाद अब 31 दिसंबर 2014 तक पड़ोसी देश- बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासी, हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
सीएए को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी. हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. इसके बाद यह कानून लागू नहीं हो सका था.