महिलाओं के वो 5 दिन काफी ज्यादा मुश्किल से भरे होते हैं. लेकिन पीरियड्स और भी ज्यादा मुश्किल बना देते हैं इस दौरान किए जाने वाले नियम.उन्हीं में से एक नियम है महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए. जब जवाब मांगा जाता है कि आखिर क्यों महिलाओं को उस दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए तो जवाब यह आता है कि उस दौरान महिलाएं अपवित्र होती हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कहना सही है? आखिर इसके पीछे क्या लॉजिक है.
पीरियड्स में मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए
कथा वाचक जया किशोरी कहती हैं कि उस वक्त ऐसा कहने के कुछ खास कारण थे. लेकिन बीच में इसे गलत तरीके से बताया गया है. यह कहना बिल्कुल गलत है कि ऐसे समय में महिलाएं एकदम अपवित्र हो जाती हैं. जया किशारी एक पोडकास्ट के दौरान यह सवाल किया गया कि महिलाओं को अचार मत खाओ, मंदिर मत जाओ, आप खुद क्या फॉलो करती हैं? जया किशोरी ने कहा कि कुछ चीजें ऐसी हैं जिसके पीछे सच में कोई खास कारण है. जैसे पीरियड्स के वक्त खट्टा नहीं खाना क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. यह साइंटिफिकली प्रूफ भी है. पुराने जमाने में इससे जुड़ी व्यवस्थाएं नहीं थी. लेकिन आज कई सारी व्यवस्थाएं है. पहले यह सब नहीं था. पहले महिलाएं घर में होती थी तो नियम भी बनाए गए लेकिन आज की महिलाएं बाहर जाती हैं. वह ऐसे कैसे रह सकती हैं.
मंदिर नहीं जाने को लेकर फैक्ट चेक
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कुछ लोग मानते हैं कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए, लेकिन इन मान्यताओं का कोई सबूत नहीं है और इन्हें मिथक माना जाता है. जब हमने इसके पीछे की सच्चाई जानने की कोशिश की तो हमने पाया कि पुराने जमाने की आज से तुलना करना बेवकूफी है.
आज के समय में पीरियड्स को लेकर कई सारी चीजें हमारे पास है. जहां तक रही पुराने जमाने की बात तो उस वक्त नहाने या पानी की व्यवस्था नहीं थी. लोग नदी में स्नान करने जाते थे. ऐसे में पीरियड्स वाली महिलाएं अगर जाती है तो पूरी नदी दूषित होती. महिला को भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. पीरियड्स के दौरान महिलाओं की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. जिसके कारण उन्हें बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में उस वक्त महिलाओं को अलग या मंदिर जाने के लिए मना कर दिया गया होगा.