कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती ने मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (मूडा) को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी 3.1 एकड़ जमीन के बदले जो उसने 14 भूखंड दिए थे, वो वापस ले ले.
मैसूर डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में बीएम पार्वती ने कहा है कि उनका रुख़ स्पष्ट था और उन्होंने यह निर्णय बिना अपने पति और बेटे से सलाह के लिया था. पावर्ती ने पत्र में कहा है कि उनके पति की प्रतिष्ठा और सम्मान किसी भी दौलत और जमीन से बढ़कर है.
उनका यह पत्र सिद्धारमैया की क़ानूनी लड़ाई के बहुत ही नाजुक समय पर आया है. साइटों के आवंटन के मामले में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने जांच के आदेश दिए थे. सिद्धारमैया की जांच की मंज़ूरी को रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका को कर्नाटक हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था.
हाई कोर्ट का आदेश आने के कुछ वक़्त बाद ही चुन हुए जनप्रतिनिधियों के लिए बनी विशेष अदालत ने मैसूर लोकायुक्त पुलिस को जांच के आदेश दिए थे. शिकायतकर्ता श्रीमायी कृष्णा को मंगलवार सुबह कोर्ट के सामने पेश होने के लिए लोकायुक्त पुलिस ने समन भी जारी किया था.
पावर्ती ने पत्र में कहा है, ”उनके पति ने अपने 40 साल लंबे राजनीतिक करियर में नैतिकता का पालन किया है. मुझे कभी भी घर, संपत्ति, सोना या दौलत का लालच नहीं रहा. मैं इस बात को लेकर हमेशा से सचेत थी कि मेरी वजह से उनके राजनीतिक करियर को नुकसान न पहुंचे.”
उन्होंने ने कहा, “हालांकि मूडा की तरफ़ से जो आरोप लगाए गए हैं, मैं उनसे दुखी हूं. मुझे कभी नहीं लगा था कि इस वजह से मेरे पति को इन ग़लत आरोपों का समाना करना पड़ेगा.”