ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन इन दिनों विवादों में है. भारत में इसी फॉर्मूले पर कोविशील्ड (Covishield) बनाई गई है. इस वैक्सीन को लेकर कहा जा रहा है कि इसके रेयर केस में साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं. इसे लगाने से प्लेटलेट काउंट कम हो सकता है, जिससे खून के थक्के बन जाते हैं. दावा यह भी किया जा रहा है इसे लगवाने वालों को हार्ट अटैक का खतरा आ सकता है. इस खबर के बाद से ही वैक्सीन लगवाने वालों में डर बन गया है. यही कारण कि ब्लड थिनर का इस्तेमाल बढ़ने लगा है. चूंकि कंपनी का दावा है कि ऐसे बहुत कम ही मामले है,ऐसे में जल्दबाजी में ब्लड थिनर लेने से कई गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
ब्लड थिनर क्या होता है
ब्लड थिनर ऐसी दवाईयां होती हैं, जो खून को पतला करने का काम करते हैं. ये खून के थक्के बनने से रोकती हैं. इनके सेवन से पहले से थक्के को नहीं टूटते लेकिन उन ब्लड क्लॉट को बढ़ने से रोक सकती है. ब्लड क्लॉट बनने से नसों में ब्लॉकेज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम रहता है.
ब्लड थिनर के नुकसान
- पेट खराब, मतली और दस्त की समस्
- पीरियड में ब्लीडिंग नॉर्मल से ज्यादा होना
- पेशाब का लाल होना
- मल का रंग लाल या काला होना
- मसूड़ों और नाक से खून बहना
- उल्टी का रंग भूरा या लाल
- सिरदर्ज या पेट दर्द की समस्या
- कटने पर खून का बंद न होना
किसे लेना चाहिए ब्लड थिनर
- हार्ट या ब्लड वेसेल्स बीमारी के शिकार लोगों को
- एट्रियल फ़िब्रिलेशन
- हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट कराने वाले
- किसी सर्जरी के बाद ब्लड क्लॉट जमने का खतरा
- दिल की बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह पर
ब्लड थिनर लेते क्या बरतें सावधानियां
जब खून पतला करने वाली दवाईयां लेते हैं तो उसका सावधानीपूर्वक नियम का पालन करना चाहिए. खून को पतला करने वाली दवाईयां कुछ फूड्स, विटामिन और शराब के साथ रिएक्शन कर सकती है. ब्लड की समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए. डॉक्टर की सलाह लेते रहने चाहिए.