महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के राजकोट क़िले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार को गिर गई थी. गिरने के बाद इसे फ़िलहाल ढँक दिया गया है.
प्रतिमा चार दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर स्थापित की गई थी. इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. जहां प्रतिमा गिरी वहां आज महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर पहुंचे.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि ये दुर्घटना है. ये मूर्ति नौसेना ने बनाई थी. तब नौसेना दिवस था और प्रधानमंत्री भी आने वाले थे. इसलिए उस समय ये काम तेज़ी से किया गया. जिसकी सराहना भी हुई.
उन्होंने कहा, “उसमें कुछ तकनीकी खामी हो या हवा का दबाव हो, मुझे लगता है कि ये एक अवसर भी है. अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक मूर्ति बनाई जा रही थी. अगर यहां भी वैसी ही मूर्ति बनती है, तो वो पूरे भारत के लिए आकर्षण का केंद्र होगी.”
दीपक केसरकर ने कहा, “मालवण में बहुत पर्यटक आते हैं. इसलिए जल्दी न करते हुए इस बारे में सोचा जाए. इसे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की तरह बनाया जाए, तो यह छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि होगी.”
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि प्रतिमा नौसेना ने बनवाई थी और हवा की वजह से गिरी है. उन्होंने यह भी कहा है कि वहां जल्द से जल्द एक नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
कांग्रेस क्या बोली?
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर मूर्ति का पहला और बाद का वीडियो शेयर किया है.
पोस्ट में लिखा है, “बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. नरेंद्र मोदी ने चार दिसंबर, 2023 को महाराष्ट्र के राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था.”
कांग्रेस ने लिखा, “अब क़रीब आठ महीने बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई. हालात ये हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा जा रहा है.”