कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है. इसके जरिए देश के करोड़ों नौकरीपेशा व्यक्तियों को सोशल सिक्योरिटी का लाभ मिलता है. ईपीएफओ खाते में जमा राशि को आप रिटायरमेंट के बाद या इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल कर सकते हैं. ईपीएफओ समय-समय पर अपने खाताधारकों को ई-नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी करने को कहता रहता है. बिना नॉमिनेशन के आप कई ईपीएफ खाते से जुड़े कई स्कीमों का लाभ उठाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हम आपको ई-नॉमिनेशन के फायदे और इसके स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस के बारे में बता रहे हैं.
ईपीएफओ ई-नॉमिनेशन से मिलते हैं कई फायदे
ईपीएफ समय-समय पर आपके सभी खाताधारकों से ई-नॉमिनेशन की प्रक्रिया को पूरी करने को कहता रहता है. बिना ई-नॉमिनेशन के खाताधारक की मृत्यु हो जाने की स्थिति में खाताधारक के परिवार को ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट करने में आसानी रहती है. इसके साथ ही आपको पीएफ (PF), पेंशन (Pension) और बीमा (EDLI) जैसी सोशल सिक्योरिटी स्कीम का लाभ उठाने में भी आसानी होती है.
घर बैठे कर सकते हैं ईपीएफओ का ई-नॉमिनेशन
1. ईपीएफओ में ई-नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आप सबसे आपके ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें.
2. इसके बाद आप For Employees ऑप्शन को सेलेक्ट करें
3. आगे UAN या ऑनलाइन सर्विस विकल्प को क्लिक करें.
4. आगे UAN नंबर और पासवर्ड दर्ज करके ईपीएफओ में लॉगिन करें.
5. आगे मैनेज सेक्शन में जाकर ई-नॉमिनेशन पर क्लिक करें.
6. आगे आपके नॉमिनी का नाम, फोटो आर मांगी गई बाकी जानकारियां दर्ज करके सेव बटन पर क्लिक करें.
7. फैमिली डिटेल्स सेव करने के लिए आप ‘हां’ के विकल्प पर क्लिक करें.
8. अगर एक से अधिक नॉमिनी ऐड करना चाहते हैं तो Add New Button पर क्लिक करें.
9. एक से अधिक नॉमिनी ऐड करने की स्थिति में आप सभी नॉमिनी के शेयर को तय करें. सेव ईपीएफओ नॉमिनेशन पर क्लिक करें.
10. आखिरी में ओटीपी जनरेट करने के लिए आप ई-साइन पर क्लिक करें.
11. आपके आधार पर लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे करें और फिर सब्मिट कर दें.
12. इस तरह ई-नॉमिनी की प्रक्रिया ईपीएफओ में पूरी हो जाएगी.
नॉमिनी न होने के हैं यह नुकसान
अगर कोई व्यक्ति ईपीएफ में नॉमिनी का नाम नहीं ऐड करता है तो ऐसी स्थिति में उसे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. किसी खाताधारक की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने की स्थिति में परिवार को ईपीएफओ में जमा राशि को निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आपको व्यक्ति के सभी उत्तराधिकारी को सर्टिफिकेट जमा करने के बाद ही खाते में जमा राशि मिल पाएगी. ऐसे में यह प्रक्रिया बेहद लंबी हो जाएगी.