नौकरशाहों की भर्ती के लिए लेटरल एंट्री करने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार ऐसा करके अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का आरक्षण छीन रही है.
कांग्रेस के इस हमले पर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पलटवार किया है.
अश्विनी वैष्णव ने अपनी एक एक्स पोस्ट में लिखा, “लेटरल एंट्री मामले में कांग्रेस साफ़ तौर पर पाखंड कर रही है. इस अवधारणा को यूपीए सरकार ने ही विकसित किया था.”
अश्विनी वैष्णव के मुताबिक़, “साल 2005 में यूपीए सरकार के दौरान दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) स्थापित किया गया था. वीरप्पा मोइली इसके अध्यक्ष थे. इसी ने स्पेशलाजेशन को लेकर एक्सपर्ट्स को भर्ती करने की सिफ़ारिश की थी.”
केंद्रीय मंत्री ने बताया, एनडीए सरकार ने इस सिफ़ारिश को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीक़ा बनाया है. भर्ती यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी. इससे शासन में भी सुधार होगा.
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा था, ”नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है.”
राहुल गांधी ने कहा, ”मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है.”
उन्होंने बताया, ”यह यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है.”
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया, ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण सेबी है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया.”
उन्होंने कहा, ”प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा. ‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है.”
दरअसल,संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को विभिन्न सरकारी विभागों में 45 पदों की लिए विज्ञापन जारी किया था.
इन 45 पदों में 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद हैं. इनको लेटरल एंट्री के माध्यम से भरा जाना है.